इटावा: पूरे विश्व में कोरोना की वैक्सीन को लेकर लगातार प्रयोग किए जा रहे हैं. अलग-अलग देश इसमें अलग-अलग तरह की रिसर्च कर रहे हैं. इसी तरह से सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी कोरोना के इलाज को लेकर रिसर्च जारी है. इसको लेकर यूनिवर्सिटी 80 प्रतिशत तक सफलता हासिल करने की बात कह रही है. वहीं 20 प्रतिशत मानकों पर रिसर्च चल रही है.
पूरा विश्व कोरोना की त्रासदी से गुजर रहा है. इस दौर में लगातार अलग-अलग देश इस बीमारी के लिए वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं और अलग-अलग तरह के दावे कर रहे हैंं. इसी तरह का एक दावा सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी ने किया है कि उन्होंने 80 प्रतिशत तक कोरोना की दवा की रिसर्च पर सफलता पा ली है. वहीं वह 20 प्रतिशत मानकों पर अभी भी परीक्षण कर रहे हैं. यदि अगर यह सफल रहा तो जल्द ही विश्व को कोरोना की दवा भी दी जा सकती है.
पायलट स्टडी में आए अच्छे परिणाम
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजकुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में कोरोना वायरस के मरीजों पर लगातार रिसर्च किया जा रहा है. विश्वविद्यालय में कोविड-19 के मरीजों के इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं के परिणाम के लिए एक पायलट स्टडी की जा रही है. इसमें की राज निर्माण बूटी जो 12 आयुर्वेदिक तत्वों से मिलकर बनी है, इसको कोरोना से प्रभावित मॉडरेट और सीवियर सिम्टम्स वाले मरीजों में प्रोटोकॉल के अंतर्गत दिया गया. इससे काफी अच्छे परिणाम सामने आए हैंं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि जल्द ही इस रिसर्च को देश के सामने लाया जाएगा.
डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि लगातार इस पर रिसर्च की जा रही है. यहां कई कोरोना के मरीज आए, जिनमें से 26 को यहां से डिस्चार्ज किया जा चुका है. इन मरीजोंं में से 20 के टेस्ट इन्हीं दवाओं को देने से निगेटिव आ गए. वहीं उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत सफलता मिल गयी है और 20 प्रतिशत मानकों पर परीक्षण जारी है. जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.
फरवरी से जारी है रिसर्च
डॉ. राजकुमार ने बताया कि हमने अपने विश्विद्यालय में कोरोना को लेकर फरवरी से ही रिसर्च शुरू कर दी थी और जल्द ही हम किसी सुखद परिणाम तक पहुंचेंगे.