इटावा : एक समय था जब इटावा के किसान चम्बल के डकैतों के आतंक से परेशान थे, लेकिन आजकल वे गोवंशो के आतंक से परेशान हैं. इस आतंक के चलते किसान बर्बादी की कगार पर आ खड़े हुए हैं. वहीं प्रशासन इनकी मदद करने की बजाय गोवंशों की पिटाई पर उल्टा केस करने को तैयार है.
किसानों का दर्द: हम लाठी चलाएं तो अफसर हम पर ही केस करते हैं
आवारा गोवंश किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. जब किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए इन गोवंशो के साथ कड़ाई से पेश आते हैं, तो उनको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है.
सीएम योगी के आदेश के बाद सूबे में गोकसी तो काफी हद तक रुकी है, लेकिन अब आवारा गोवंशो के आतंक से किसान बर्बादी की कगार पर आ खड़ा हुआ है. आवारा गोवंश किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. जब किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए इन गोवंशो के साथ कड़ाई से पेश आते हैं, तो उनको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है.
किसानों का कहना है कि गायों को पालने वाले लोग उन गोवंशों को आवारा छोड़ देते हैं, जो उनके किसी काम के नहीं रह जाते हैं. ये छोड़े हुए आवारा पशु किसानों के खेतों में घुस कर उनकी फसलों को बर्बाद कर देते हैं. इस मामले में जिला प्रशासन ने कैमरे के सामने कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया.