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एटा : किसान सम्मान निधि में घोटाला, 46 जनसेवा केंद्र संचालक व कर्मचारियों पर FIR

यूपी के एटा जिले में किसान सम्मान निधि में बड़ा घोटाला सामने आया है. अलीगंज एसडीएम राजीव पांडे की जांच के बाद 46 जन सेवा केंद्र संचालकों सहित कृषि विभाग के कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.

किसान सम्मान निधि में घोटाला.
किसान सम्मान निधि में घोटाला.

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Published : Oct 8, 2020, 10:34 AM IST

एटा :भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही किसानों के लिए कल्याणकारी योजना 'किसान सम्मान निधि' को जिले के जन सेवा केंद्र संचालक एवं कृषि विभाग के कर्मचारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. किसान सम्मान निधि की चल रही जांच में जनपद एटा के अलीगंज तहसील में बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है.

किसान सम्मान निधि में घोटाला.

दरअसल, शिकायती पत्र के बाद डीएम के आदेश पर अलीगंज एसडीएम राजीव पांडेय ने मामले की जांच की. जिसमें बड़े स्तर पर घोटाला सामने आया है. एसडीएम ने किसान सम्मान निधि घोटाले का खुलासा करते हुए, 7 अक्टूबर को 46 जनसेवा केंद्र सहित कृषि विभाग के कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करायी है. उन्होंने बताया कि तहसील अलीगंज के ग्राम तुंगई, कालिंजर, बरौलिया, तथा जैथरा में अपात्र व्यक्तियों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है. जांच में सामने आया है कि तुंगई के 314, कालिंजर के 568, बरौलिया के 580 एवं जैथरा में 2353 अपात्र व्यक्तियों की सूची मिली है. एसडीएम के अनुसार इस संबंध में चारों गांव के लेखपालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जवाब आने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

किसान सम्मान निधि में घोटाला.

तहसीलदार अलीगंज राजेश कुमार की आख्या के बाद, ग्राम तुंगई के लेखपाल राजीव कुमार व ग्राम कालिंजर के लेखपाल प्रमोद शाक्य बरौलिया के चकबंदी क्रियाओं के अंतर्गत हैं. उनके लेखपाल श्री अवनीश एवं जैथरा देहात की चकबंदी लेखपाल कमल प्रिय शिवाजी का स्पष्टीकरण इस संबंध में प्राप्त हो चुका है. इनके स्पष्टीकरण की आख्या साथ में संलग्न की गई है. उन्होंने बताया कि इन लोगों द्वारा अपात्रों को गलत लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थी का सत्यापन न करने तथा इन लाभार्थियों द्वारा स्वयं फार्म भरकर संलग्न सूची के अनुसार जनसेवा केंद्रों के माध्यम से सीधे भेजना बताया गया है. इस संबंध में तहसील स्तर पर लॉगिन आईडी द्वारा सत्यापन का कार्य भी सौरव प्रतिलिपि लिपिक के द्वारा किया गया है, उनका भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनका कहना था कि बीमार होने के कारण अब तक प्राप्त नहीं हो पा रहा है. जनसेवा केंद्रों की सूची साथ में संलग्न कर दी गई है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रकरण जनसेवा केंद्रों व कृषि विभाग के ऑपरेटरों व लाभार्थियों के बीच सांठगांठ का मामला आ रहा है. जिन पर कार्रवाई करने के बाद अपात्र व्यक्तियों के खाते में भेजी गई राशि वसूली जाएगी.

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