उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

चित्रकूट के कई इलाकों में समस्या से जूझ रही जनता, सिर पर ढोकर ला रहे पानी

ठंड शुरू होते ही चित्रकूट में पानी की समस्या से लोगों को झूझना पड़ रहा है. कुछ इलाकों का तो आलम यह है कि टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है. वहीं जो हैंडपंप लगे हैं उनकी भी सर्विस नहीं कराई गई है.

etv bharat
दिनेश कुमार अग्रवाल, विकास खण्ड अधिकारी

By

Published : Nov 30, 2019, 3:12 PM IST

चित्रकूट: जिले का पाठा एरिया दशकों से पानी की समस्या से जूझता रहा है और गर्मी शुरू होते ही जलस्तर गिरने के बाद लोगों को मीलों पैदल चलकर पानी की खोज में देखा जा सकता है, पर इस बार पेयजल की समस्या ठंड शुरू होते ही होने लगी है कारण है हैंडपंपों की मरम्मत न होना, जिसके कारण ग्रामीणों को पेयजल के लिए मीलों दूर से पानी लाना पड़ रहा है.

ठंड शुरू होते ही पानी की समस्या से आई सामने
धर्म नगरी चित्रकूट का मानिकपुर विकासखंड ऊंचाई में बसे होने के कारण यहां का जलस्तर हमेशा नीचे रहता है, जिसके चलते हैंडपंप और बोर यहां पर सही ढंग से काम नहीं कर पाते. वहीं वर्षा जल संचयन कम होने के कारण हमेशा पानी की समस्याएं बनी ही रहती हैं. ऐसे में पंचायत स्तर से जगह-जगह बोर करके हैंडपंपों की व्यवस्था की गई है.

जिले के के कई इलाकों में पानी समस्या से जूझ रही जनता.

वहीं ज्यादा जल समस्या के बाद लोग ग्रामीणों को टैंकरों से पानी सप्लाई की भी व्यवस्था है, पर यह सब समस्या सिर्फ गर्मियों में ही अक्सर देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार पर ठंड शुरू होती ही पेयजल की समस्या कई गांव में मंडराने लगी है.कारण है हैंडपंप की मरम्मत न होना.

जानिए क्या है डोंगल सिस्टम या डिजिटल सिग्नेचर
ग्राम पंचायतों में पहले ही मनरेगा यानी महात्मा गांधी गारंटी योजना में डोंगल सिस्टम लागू है. केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह ऑनलाइन कर रखा है. पहले मनरेगा में तमाम भ्रष्टाचार के मामले सुर्खियों में रहे परंतु ऑनलाइन होने के कुछ हद तो लगाम लगी इसके बाद राज्य वित्त व 14वां वित्त में अनमित्तता के मामले छाने लगे. ग्राम पंचायतों में चेक के माध्यम से प्रतिवर्ष करोड़ों का खेल होता रहा, पर सरकार ने इसका संज्ञान लेते हुए बड़ा फैसला लिया.

इसके लिए पहले ही जिलाधिकारी के माध्यम से सभी खंड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी को निर्देशित किया है, कि सभी ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव डिजिटल सिग्नेचर बनवाकर 'पी एफ एम एस' यानी -पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर ग्राम पंचायत के खाते से लिंक कराना सुनिश्चित करें.

पढ़ें:लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था के संगम में डुबकी लगाकर किया दीपदान

ABOUT THE AUTHOR

...view details