चित्रकूट: एमपी के सतना से 12 फरवरी को जुड़वा भाइयों का स्कूल बस से अपहरण कर लिया गया. दोनों मासूम बच्चों का शव अपहरण के 12 दिन बाद यमुना नदी में मिला है. पिछले 12 दिनों से एमपी और यूपी की पुलिस बच्चों की सकुशल रिहाई के दावे करती आ रही थी, लेकिन मासूमों का शव बरामद होने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा होता दिख रहा है. वहीं पुलिस के लचर रवैये को लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष है.
बांदा में जुड़वा भाइयों का शव मिलने से ग्रामीणों में रोष, कहा- जल्द करें कार्रवाई
सतना में जुड़वा बच्चों के अपहरण के बाद बांदा से शव बरामद होने के बाद ग्रामीणों में काफी गुस्सा दिख रहा है. वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस से जल्द कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि आरोपियों ने 12 फरवरी को स्कूल बस से दो जुड़वा भाइयों का अपहरण करने के बाद उन्हें 19 फरवरी छिपाकर रखा. वहीं अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से फिरौती के रूप मोटी रकम लेने बाद भी बच्चों की हत्या कर दी. वहीं पुलिस के सक्रियता की बात करें तो सतना जिले के कई थानों के अलावा पड़ोसी जिले चित्रकूट के अलग-अलग थाना प्रभारियों के नेतृत्व में 12 टीमें गठित की गई थीं. इसमें रीवा रेंज के आईजी, डीआईजी, सतना एसपी ने कमान सम्हाला था. वहीं भोपाल पुलिस महानिदेशक ने अज्ञात आरोपियों पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था.
वहीं स्थानीय ग्रामीण मनीष गुप्ता ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने बच्चों को 21 फरवरी को जिंदा यमुना नदी में लोहे की जंजीर से पत्थर से बांध दिया था, जिनका शव आज मिला. साथ ही उन्होंने कड़ी कार्रवाई की मांग भी की. वहीं मृतक जुड़वा बच्चों के पिता ने भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई हक नहीं है.