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बुलंदशहर में बेचा जा रहा एंटीजन किट, गुमनाम पत्र के बाद एसीमओ को जांच सौंपी गई

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कोरोना जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में मुहैया कराई गई रैपिड एंटीजन किट बाजार में बेचे जाने का मामला सामने आया है. एक गुमनाम पत्र भेजकर किसी ने स्वास्थ्य विभाग को एंटीजन किट बेचने की शिकायत की है. वहीं गुमनाम पत्र में किट बेचने वाले लैब टेक्नीशियन का नाम भी बताया गया है.

एंटीजन किट से कोरोना जांच करता स्वास्थकर्मी.
एंटीजन किट से कोरोना जांच करता स्वास्थकर्मी.

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Published : Nov 14, 2020, 12:30 PM IST

बुलंदशहरःसरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए आई रैपिड एंटीजन किट की बाजार में बिक्री करने का मामला संज्ञान में आया है. इस मामले में सीएमओ ने अब एसीएमओ को जांच करने के आदेश भी दे दिए हैं. एक गुमनाम पत्र के माध्यम से किसी ने शिकायत की थी, जिसके बाद सीएमओ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करानी शुरू कर दी है.

बुलंदशहर में बेचा जा रहा एंटीजन किट.

गुमनाम पत्र में एंटीजन किट बेचने की शिकायत
देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण का दौर चल रहा है. ऐसे में कोरोना जांच के लिए सरकार द्वारा अस्पतालों को उपलब्ध कराई गई एंटीजन किट को बाजार बिकने से बुलंदशहर में स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल कर रख दी है. रैपिड एंटीजन किट के घपले में अब सीएमओ के द्वारा एसीएमओ नरेश गोयल को यह जिम्मेदारी दी गई है. बताया जा रहा है कि गुमनाम पत्र में घपले के बारे में साक्ष्य देते हुए कुल 6 लैब टेक्नीशियन का नाम लिया गया था. जांच अधिकारी ने गुमनाम पत्र में घपले के आरोपी लैब टेक्नीशियनों को नोटिस भी जारी कर दिया है. इतना ही नहीं 20 नवंबर तक स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. फिलहाल इस मामले की ठीक से जांच हुई तो कई बड़े अफसरों की गर्दन भी फंस सकती है.

लैब टेक्नीशियन से पूछताछ
बताया जा रहा है कि कुछ लैब टेक्नीशियन से यह पूछा जा रहा है कि उनकी ड्यूटी मई से अक्टूबर तक कहां-कहां रही और कहां-कहां पर लोगों की जांच कराई गयी. साथ ही ये भी जानकारी अब महकमा जुटा रहा है कि आखिर जांच रिपोर्ट मौके पर भरी गईं या ऑफिस आकर. इतना ही नहीं ये भी पता लगाने में टीम जुटी हुई है कि कौन सी गाड़ी में जांच के लिए किस कर्मचारी के साथ तैनात थी. जांच रिपोर्ट स्वयं की गई या किसी अन्य ने की. कितनी किट स्टोर से किस-किस तारीख में निकाली गई.

सीएमओ ने साधी चुप्पी
हालांकि सीएमओ पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सीएमओ सिर्फ बस इतना ही कहते नजर आए कि गुमनाम पत्र मिलने के बाद जो मामले की जांच एसीएमओ डॉ नरेश गोयल को दे दी गई है. इस मामले की जांच चल रही है और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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