उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कोरोना का कहर: कोचिंग सेंटर्स और बुक सेलर्स को पड़े रोटी के लाले

कोरोना संकटकाल में कोचिंग सेंटर्स और बुक सेलर्स के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में हालात इस कदर हो गए हैं कि कुछ कोचिंग संस्थान अपना सामान समेटने में लगे हुए हैं.

impact of lockdown on coaching centers in bulandshahr
कोचिंग सेंटर्स और बुक सेलर्स के सामने खड़ा हुआ रोजी रोटी का संकट.

By

Published : Jul 19, 2020, 4:30 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर:देश-दुनिया में इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से कोई भी कार्य क्षेत्र ऐसा नहीं है, जो प्रभावित न हुआ हो. अगर बात की जाए कोचिंग सेंटर्स की तो कोरोना काल में कोचिंग सेंटर और उनसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों को न सिर्फ काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है.

लॉकडाउन से बदहाल हुए कोचिंग संस्थान और बुक सेलर्स.

मार्च में लगा था लॉकडाउन
कोरोना महामारी ने जब दस्तक दी तो उसके बाद से लग रहा था कि शायद इस बीमारी पर जल्द ही जीत हासिल कर ली जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद लॉकडाउन लगा दिया गया. लॉकडाउन लगने के बाद कोचिंग सेंटर्स को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया. जब इनका एक बार शटर नीचे आया तो फिर अब तक वह शटर नहीं खुल पाया. ऐसे में कई लोग बेरोजगार हो गए. इतना ही नहीं, नामी-गिरामी कोचिंग सेंटर हो या फिर स्थानीय क्षेत्रीय कोचिंग सेंटर, सभी के लिए यह कोरोना काल काफी दिक्कतों भरा रहा है. वहीं कुछ कोचिंग संस्थान तो अपना सामान ही समेटकर चले गए हैं.

बुक सेलर्स पर भी लॉकडाउन का असर
कोरोना संकटकाल का असर बुक सेलर्स पर भी पड़ा है. ईटीवी भारत ने कुछ बुकसेलर्स से भी बात की तो उनका कहना है कि अब मार्केट में सिर्फ 10 फीसदी ही काम बचा है. वर्तमान में विद्यालय नहीं खोले जा रहे हैं. जो छुट्टी का समय होता था, उसमें स्टूडेंट्स कोचिंग सेंटर में अतिरिक्त पढ़ाई किया करते थे. कुछ छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी किया करते थे तो उनकी भी कुछ कमाई हो जाती थी, लेकिन अब प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बन्धित किताबें बिल्कुल नहीं बिक पा रही हैं. कोंचिंग संचालक हों या फिर पुस्तक विक्रेता, सभी की मानें तो उन्हें खुद भी फिलहाल ऐसी उम्मीद नजर नहीं आ रही है कि जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा.

सामान समेट रहे कोचिंग सेंटर संचालक
एक लॉजिस्टिक कंपनी में कार्यरत दानिश कुमार ने बताया कि उन्हें कोचिंग सेंटर चलाने वाली फर्म ने ठेका दिया है. वो जगह-जगह से कोचिंग सेंटर का सारा सामान उनके हेड ऑफिस पहुंचा रहे हैं. दानिश कहते हैं कि लॉकडाउन से अब तक काफी कोचिंग सेंटर्स बंद हुए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में किराया देना नामुमकिन है तो कोचिंग सेंटर संचालकों को यही रास्ता उचित लगा. पुस्तक विक्रेता अमित कुमार ने बताया कि आखिर इस महंगाई के दौर में कोई कैसे सर्वाइव किया जाए, क्योंकि ये तो बड़ी चुनोती है, इसीलिए यह व्यवसाय अब बन्द हो गया और कब ठीक होगा, ये भी नहीं समझ आ रहा है.

ये भी पढ़ें:बुलंदशहर: कोरोना ने तोड़ दी पॉटरी उद्यमियों की कमर

निजी स्कूलों के शिक्षकों के सामने भी छाया संकट
ईटीवी भारत ने जिला विद्यालय निरीक्षक आरके तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि जिले में अगर पंजीकृत कोचिंग सेंटर्स की बात की जाए तो कुल 306 कोचिंग सेंटर संचालित थे, लेकिन अब कोरोना की वजह से सभी बन्द हैं. उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों की भी यही स्थिति है. डीआईओएस कहते हैं कि निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details