बुलंदशहर :गुलावठी थाना क्षेत्र में बराल गांव का मजरा स्टेशन की मडै़या है. यहां के चतरपाल सिंह के इकलौते बेटे सुमित कुमार (24) चमोली जिले में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के एनटीपीसी में टेक्नीशियन/जूनियर इंजीनियर थे. उन्होंने अगस्त 2020 में यहां नौकरी शुरू की थी. एक माह पहले ही वह घर से उत्तराखंड गए थे. छह फरवरी की रात सुमित ने पत्नी मनीषा से फोन पर बात की थी. रविवार सुबह 7.40 बजे पत्नी को मोबाइल पर मैसेज भी किया. इसके बाद कोई फोन नहीं आया और न ही कोई जानकारी मिली.
इंजीनियर बेटे के लापता होने से परिजन चिंतित. लापता होने पर घर पर पहुंच रहे रिश्तेदार न्यूज चैनल और अखबारों से जल प्रलय की जानकारी हुई तो स्वजन चिंतित हो गए. मंगलवार को कंपनी के एक अधिकारी ने घर पर फोन करके बताया कि जल प्रलय में सुमित बह गए हैं. तलाशी अभियान जारी है. इसके बाद एनटीपीसी अधिकारियों का तीन बार फोन आ चुका है. आसपास गांवों के लोग और उनके रिश्तेदार भी घर पर पहुंच रहे हैं. पूरा गांव उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहा है.
पुलिस को भी दी लापता होने की सूचना
सुमित के पिता चतरपाल सिंह सेना से सेवानिवृत्ति के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा में गार्ड हैं. चतरपाल ने बताया कि पांच दिन बाद गुरुवार दोपहर बाद हलका लेखपाल जानकारी करने उनके घर पहुंचा. सुमित के दो बच्चे हैं. एक चार साल का है. जबकि दूसरे की उम्र दस माह है. इंजीनियर पुत्र की बरामदगी को लेकर पिता पुलिस से भी मिले हैं.
पल-पल की जानकारी ले रहे पिता
जूनियर इंजीनियर सुमित के लापता होने के बाद पिता चतरपाल सिंह उत्तराखंड गए अपने रिश्तेदारों से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. शनिवार को चतरपाल सिंह ने बताया कि उन्हें फोन पर बताया गया कि पानी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ देर के लिए रुका हुआ है. रेस्क्यू ऑपरेशन पानी हटते ही शुरू हो जाएगा. कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें फोन पर बताया कि सुमित का पता अभी तक नहीं लगा है.
15 दिन पहले पिता बने हैं सुमित
पिता चतरपाल सिंह ने बताया कि सुमित एक माह पूर्व ही ड्यूटी पर गया था. सुमित के जाने के बाद उनकी पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया. पुत्र के जन्म लेने के बाद घर में खुशी का माहौल है. हवन यज्ञ किया गया. परंतु कुआं पूजन आदि कार्यक्रम सुमित के आने के बाद ही होने थे. सुमित ने फोन पर कहा कि 1 माह बाद वह छुट्टी लेकर गांव वापस आएगा. सुमित का बड़ा पुत्र सुजीत 5 वर्ष का है तथा यूकेजी में पढ़ता है.