बुलंदशहर: जिले में बेसहारा गोवंश का रखरखाव जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. जिले में कुल ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में 150 गोशाला हैं जो कि जिला प्रशासन की देखरेख में हैं, जिसमें 11289 बेसहारा गोवंश वर्तमान में हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर सबसे बड़ा जिला भी है.
आावरा घूम रहे गोवंशों के लिए गोशालाओं का निर्माण . पूरे मेरठ मंडल की बात की जाए तो बेसहारा गोवंश भी यहां सर्वाधिक हैं. यही वजह है कि पिछले साल जनवरी में जब योगी सरकार के द्वारा गोवंशों के संरक्षण के लिए आश्रय स्थल बनाने की मुहिम छेड़ी गई तो यहां अब तक कुल डेढ़ सौ आश्रय स्थल फिलहाल वर्तमान में हैं, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 133 गोआश्रय स्थल हैं, जबकि नगरीय क्षेत्रों में 12 गोआश्रय स्थल बनाये गए हैं. इन गोशालाओं में कुल 11289 गोवंश हैं.
जिले की डेढ़ सौ आश्रय स्थलों में से ग्रामीण क्षेत्र के 133 गोशालाओं में कुल डेढ़ 7527 गोवंश हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में कुल स्थापित 17 गोशालाओं में 2139 गोवंश वर्तमान में हैं ,जबकि इनके अलावा एक वृहद गो संरक्षण केंद्र है. उसमें करीब 228 गोवंश वर्तमान में हैं, तो वहीं स्वेच्छा से जो ग्रामीण क्षेत्र में इच्छुक 511 पशुपालक हैं, जो कि करीब 757 गोवंशों का जिम्मा उठा रहे हैं, जबकि नगरीय क्षेत्र में 172 गोपालक कुल 270 गोवंशों को संरक्षित किये हुए हैं.
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पूरे मेरठ मण्डल में सर्वाधिक गोवंश बुलंदशहर जिले में संरक्षित हैं. साथ ही यहां लगातार सभी गोवंशों की निगरानी समय समय पर की जाती है. साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी कि गोशालाओं में जो केयरटेकर हैं, उन्हें खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र की गोशालाओं में प्रधान के स्तर से ही अभी सिर्फ मानदेय की व्यवस्था है.
डॉ. लक्ष्मी नारायण,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी,बुलंदशहर