बुलंदशहर: 3 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए जिले की सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी की प्रत्याशी उषा सिरोही ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. गौरतलब है कि बुलंदशहर सदर सीट पर बीजेपी का कब्जा था और उषा सिरोही के पति भूतपूर्व मंत्री वीरेंद्र सिरोही यहां से विधायक थे. उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी.
बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं. शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से घोषित प्रत्याशी उषा सिरोही ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस सीट पर अभी तक बीजेपी का कब्जा था और यहां से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र सिरोही विधायक थे, जिनका बीमारी के चलते आकस्मिक निधन हो गया था. तभी से यह विधानसभा सीट रिक्त पड़ी हुई थी.
बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट होने वाले उपचुनावों के लिए राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस, बसपा, असपा समेत और भी कई क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशी मैदान में हैं. राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी ने यहां से अपना साझा प्रत्याशी मैदान में उतारा है. वहीं बीएसपी ने 10 साल तक विधायक रहे हाजी अलीम के भाई हाजी यूनुस पर भरोसा जताया है. वर्तमान में हाजी यूनुस बुलंदशहर के ब्लाक प्रमुख हैं. वहीं इस सीट पर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर की कुछ माह पूर्व बनाई गई आजाद समाज पार्टी भी पहली बार ताल ठोंक रही है. बुलंदशहर में भीम आर्मी की राजनीतिक विंग आजाद समाज पार्टी की तरफ से मीट व्यवसाई हाजी यामीन को टिकट दिया गया है. वहीं भाजपा ने भूतपूर्व मंत्री वीरेंद्र सिरोही की पत्नी पर भरोसा जताया है.
नामांकन पत्र दाखिल करने आईं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी उषा सिरोही का कहना है कि सबसे पहले वह अपने पति द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों को पूरा कराएंगी. भूतपूर्व मंत्री वीरेंद्र सिरोही के आकस्मिक निधन की वजह से छूट गए कामों को पूरा कराना ही उनकी प्राथमिकताओं में हैं.