बस्ती: योगी सरकार ने कोरोना महामारी में घर लौटे प्रवासी कामगारों को काम देने का वादा किया था. जो अब साकार होता दिख रहा है. जिले में महिला स्वयं सहायता समूह के आय को बढ़ाने के लिए उनको ड्रेस बनाने का काम जिला प्रशासन ने सौंपा है. इसके साथ ही इस योजना से प्रवासी मजदूरों को भी जोड़ दिया गया है. यहां यह प्रवासी कपड़ों की कटाई और अन्य काम के साथ साथ समूह की महिलाओं को ट्रेनिंग देने का काम भी करते हैं. अपने घर के पास काम मिलने पर कामगारों ने योगी सरकार की जमकर तारीफ की.
प्रवासी मजदूरों को मिला रोजगार
जनपद के हरैया ब्लॉक में शासन के निर्देश पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रेस बनाने का काम मिला है. इससे इनकी आय तो बढ़ेगी ही, साथ ही इस योजना में टेलरिंग के काम में एक्सपर्ट प्रवासी कामगारों को जोड़कर उनकी आजीविका का रास्ता खोल दिया गया है. जब हमने यहां ड्रेस बनाने का काम कर रहे प्रवासी कामगारों से बातचीत की तो उन्होंने योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि हम लोग लॉकडाउन में कई महीने खाली बैठे रहे. जिससे आजीविका का संकट सामने आ गया था. लेकिन सरकार के इस पहल से हमे अपने घर के पास ही काम मिल गया है.
अब हम पैसा भी पा रहे हैं और अपने परिवार के पास भी हैं. उन्होंने सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया.बीडीओ उमाशंकर सिंह ने बताया कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूर जो दूसरे प्रदेशों में रहकर अपनी रोजी-रोटी कमाते थे. अब 6 महीने से वह अपने घर बैठे थे. अब उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने बजट से कपड़ा खरीदकर ड्रेस बना रही हैं.
इसके लिए इन्हें प्रवासी टेलरिंग विशेषज्ञों से ट्रेनिंग दिलाई गई है. ड्रेस बनाकर फिर यह स्कूल को देंगी और स्कूल इन्हें भुगतान करेगा. इससे महिलाओं की आय भी बढ़ रही है और प्रवासी कामगारों को रोजगार भी मिल रहा है. भविष्य में हम स्वेटर बनाने का काम भी महिला समूह से और प्रवासी कामगारों से कराएंगे ताकि इन्हें काम देने की सरकार की मंशा पूरी हो.