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बस्ती: 284 करोड़ का फ्रॉड करने वाला मनोज अधिकारी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की बस्ती पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने 284 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने वाले गैंग के सदस्य मनोज अधिकारी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इसके ऊपर जिले के निवेशकों का करोड़ों रुपये लेकर फरार होने का आरोप है.

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बस्ती पुलिस ने मनोज अधिकारी को किया गिरफ्तार.

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Published : Jul 17, 2020, 9:32 PM IST

बस्ती: पुलिस ने एक ऐसे गैंग के सदस्य को गिरफ्तार किया है, जो निवेशकों से 284 करोड़ रुपये लेकर फरार हो चुका था. यह गैंग देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर लोगों से पैसे इन्वेस्ट करने को कहता और साथ ही उन्हें पैसा दोगुना करने का लालच भी देता था. वहीं जब पैसा इकट्ठा हो जाता तो यह गैंग चंपत हो जाता. बस्ती में भी इस गैंग के शिकार हुए एक शख्स ने 2019 में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसका खुलासा जिला पुलिस ने अब किया है.

जानकारी देते एसपी.

पकड़ा गया नटवरलाल मनोज अधिकारी ने बस्ती के निवेशकों का 4 करोड़ 60 लाख रुपये लेकर फरार हो गया था. धीरे-धीरे पुलिस ने जब इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की तो पता चला कि यह गैंग बड़े पैमाने पर देश में हजारों लोगों के साथ ठगी कर चुका है.

आम जनता को कम समय में धन को दोगुना करने, प्लाट देने व NCD जारी करने का प्रलोभन देकर करोड़ों रूपये एकत्रित करने वाला यह गिरोह काफी दिनों से फरार चल रहा था. शुक्रवार को मुख्य अभियुक्त मनोज अधिकारी को पुलिस ने बस्ती के कचहरी चौराहे के पास से गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि मनोज अधिकारी के द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर आम जनता से धोखाधड़ी कर दिल्ली एनसीआर, पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्यों में लगभग 284 करोड़ की सम्पत्ति खरीदी गई है, जिसका तस्दीक कर नियमानुसार जब्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि मनोज अधिकारी से पूछताछ करने पर पता चला कि उसका एक साथी रविन्द्र सिंह सिद्धू के द्वारा 4 फरवरी 1993 में किम इन्वेस्टमेन्ट लिमिटेड कम्पनी बनाई गई. बाद में उक्त कम्पनी के बाद दूसरी कम्पनी किम इन्फ्रास्ट्रेक्चर व डेवलपर्स लिमिटेड सितम्बर 2005 में बनाई गई. फिर उसी से सम्बन्धित वर्ष 2012 में किम फ्यूचर विजय सर्विसेज लिमिटेड बनाया गया. इसके बाद दिसम्बर 2013 में नेक्टर कामर्शियल स्टेट लिमिटेड बनाया गया.

एसपी ने बताया कि उक्त कम्पनियों में धोखाधड़ी व जालसाजी करने के बाद फिर वर्ष 2012 में हेल्प फाइनेंस लिमिटेड खरीदकर इस गैंग ने आम जनमानस में भ्रामक प्रचार-प्रसार कर धोखाधड़ी शुरू किया. इस गैंग ने कूटरचित प्रपत्रों को प्रयोग करते हुए लोगों से भारी मात्रा में धनराशि जमा कराई, लेकिन भुगतान अवधि पूर्ण होने पर जनता का पैसा वापस नहीं किया, जिसके बाद हेल्प फाइनेन्स लिमिटेड का पंजीकरण प्रमाण पत्र दिनांक 19 मई 2020 को RBI द्वारा निरस्त कर दिया गया.

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एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि इस गिरोह का सरगना रविन्द्र सिंह सिद्धू है, जो वर्तमान समय में केन्द्रीय कारागार तिहाड़ जेल, दिल्ली में निरूद्ध है.

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