बरेली: जिले के कालागढ़ डैम से शुक्रवार को रामगंगा नदी में 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके बाद रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया. नदी में उफान आने से मीरगंज और आंवला तहसील के इलाकों के चार दर्जन से ज्यादा गांवों में सैकड़ों एकड़ में फसलें जलमग्न हो गई हैं. बाढ़ के कारण किसानों में दहशत का माहौल है.
रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से फसलें जलमग्न प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाने के साथ जिले में 42 बाढ़ चौकियां बनाई हैं. पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश से कालागढ़ बांध में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. कालागढ़ बांध से किसी भी समय पानी छोड़ने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने जिले की सभी तहसीलों को अलर्ट जारी किया था. साथ ही संबंधित अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के इंतजाम करने के निर्देश दिए थे. शुक्रवार को रामगंगा में 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मीरगंज और आंवला तहसील क्षेत्र में रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा. नदी के किनारे निचले हिस्सों में गोरा हेमराजपुर, बंसतपुर, तातारपुर, कपूरपुर, हाजीपुर, मदनापुर समेत करीब चार दर्जन गांवों मे पानी भर गया. यहां किसानों की धान, गन्ना, तिल आदि की सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गईं. ऊपरी इलाकों में भी नदी की धारा ने कटान शुरू कर दिया. यहां के किसानों को अब खेतों के नदी में समाने की चिंता सता रही है. रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ में फंसे जानवर मीरगंज में गोरा लोकनाथपुर में रामगंगा पर चल रहे पुल के निर्माण को भी बंद कर दिया गया था. यहां बना सेतु निगम के कार्यालय में भी पानी भर गया है. खेतों में पानी भरने से पशुओं के चारे की किल्लत शुरू हो गयी है.