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इंस्पेक्टर ने रिश्वत में मांगा 50 हजार का मोबाइल, हुई ये कार्रवाई

यूपी के बरेली में एक इंस्पेक्टर द्वारा ग्राम प्रधान से रिश्वत में महंगा मोबाइल फोन मांगना भारी पड़ गया. ग्राम प्रधान की शिकायत पर एसएसपी ने प्रारंभिक जांच के आधार पर आरोपी इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया. एसएसपी का कहना है कि रिश्वतखोर इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है.

आरोपी इंस्पेक्टर को किया गया लाइन हाजिर.
आरोपी इंस्पेक्टर को किया गया लाइन हाजिर.

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Published : Jul 6, 2021, 6:25 PM IST

बरेली:जिले के भोजीपुरा थाना के इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने ग्राम प्रधान से रिश्वत में कीमती मोबाइल की मांग की थी. पूरे मामले की शिकायत के बाद जब जांच की गई, तो आरोप सही पाया गया. इसके बाद एसएसपी ने इंस्पेक्टर अशोक कुमार को लाइन हाजिर कर दिया. इससे पहले एसएसपी रोहित सिंह सजवाण भ्रष्टाचार के आरोप में कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर चुके हैं.

मोबाइल से भेजा गया स्नैपशॉट

इस मामले की जांच एएसपी साद मियां ने की थी. एएसपी की जांच के बाद मोबाइल मांगने के आरोपी इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने ईटीवी भारत से बताया कि यह सही है कि उनके मोबाइल से एक स्नैपशॉट भेजा गया था, लेकिन यह काफी पुराना है. जबकि जिस मामले को लेकर आरोप लग रहे हैं, वह मुकदमा काफी बाद में लिखा गया है.

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने दी जानकारी.

50 हजार की मोबाइल की मांग

जिले के ब्लॉक भोजीपुरा के गांव रूपपुर निवासी नाजिम अली के परिवार में ही कोई न कोई प्रधान 2005 से होता रहा है. वर्तमान में भी प्रधान उन्हीं के घर में है. इससे नाराज एक प्रत्याशी ने उन पर एक बार जानलेवा हमला कराया था. उसके काफी दिन बाद जान से मारने की धमकी भी दी थी. जब नव निर्वाचित ग्राम प्रधान न्याय की गुहार लगाते हुए इंस्पेक्टर से मिलने गया, तो इंस्पेक्टर ने उसे व्हाट्सएप पर मैसेज करके एक कीमती मोबाइल की मांग की. इस मोबाइल की कीमत करीब 50 हजार रुपये बताई जा रही है. वादी ने उस मोबाइल की अधिक कीमत होने के कारण इंस्पेक्टर को मोबाइल देने से इनकार कर दिया.

दर्ज हो सकता भ्रष्टाचार का मामला

ग्राम प्रधान ने आईजी बरेली रमित शर्मा से इस पूरे मामले को बताकर कार्रवाई की मांग की थी. आईजी ने एएसपी को जांच सौंपी थी, जिसके बाद एसएसपी ने इंस्पेक्टर भोजीपुरा अशोक कुमार को पहले भोजीपुरा थाने से लाइन हाजिर किया. फिलहाल इतना कुछ होने के बावजूद भी अभी तक इंस्पेक्टर को निलंबित नहीं किया गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज हो सकता है.

बदनाम करने की साजिश

वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे कोतवाल का कहना है कि उसने मोबाइल के रेट मालूम करने के लिए मैसेज किया था. अब उसने अधिकारियों के सामने गलत तरीके से पेश कर मुझे बदनाम करने की साजिश रची है.

पुलिस की साख पर बट्टा

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों की जांच की गई है. फिलहाल इंस्पेक्टर का निलंबन अभी नहीं हुआ है, लेकिन इस मामले ने न सिर्फ पुलिस की साख पर बट्टा लगाया है, बल्कि नए डीजीपी का ध्यान भी बरेली की तरफ खींचा है. मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है.

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