बरेली: जनपद में इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल (Ittehad-e-Millat Council) के चीफ मौलाना तौकीर रजा ने AIMIM के प्रमुख ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के यूपी में सक्रिय होने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जो भाषा ओवैसी यूपी में बोलते हैं वो हैदराबादी भाषा यूपी के हिन्दू मुस्लिम भाईचारे और यहां के सौहार्द पूर्ण माहौल को बिगाड़ती है. उन्होंने कहा कि अच्छा हो कि ओवैसी उस तरह की भाषा को यहां न बोलें. मौलाना ने कहा कि जब हैदराबाद में यूपी से कोई जाकर राजनीति नहीं करता तो वह क्यों यूपी में सक्रिय हो रहे हैं.
हैदराबाद में ही रहें ओवैसी, यूपी में दखल देने की जरूरत नहीं: IMC चीफ - मौलाना तौकीर रजा
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल (Ittehad-e-Millat Council) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा (Maulana Tauqir Raza) ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब हैदराबाद में यूपी से कोई जाकर राजनीति नहीं करता तो वह क्यों यूपी में सक्रिय हो रहे हैं. वह (ओवैसी) हैदराबाद में ही रहें,यूपी में दखल देने की जरूरत नहीं है.
यूपी में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में लगातार राजनीतिक सरगर्मियां भी काफी बढ़ गई हैं. माहौल चुनावी है तो बयानबाजी भी खूब हो रही है. इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने बरेली में मीडिया से बात करते हुए केंद्र और प्रदेश की सरकार पर सियासी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में मनहूस लोगों की सरकार है. उन्होंने एलान किया कि जो भी दल सरकार बनने पर दंगा आयोग का गठन करने को सहमत होगा, ऐसे राजनैतिक दल का वह समर्थन करेंगे.
इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल के चीफ मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि सपा की तरफ से अखिलेश यादव से मिलने का ऑफर आया था. उन्होंने बताया कि लेकिन तब उन्होंने कई मांगें व शर्तें सपा नेताओं के सामने रखी थीं, लेकिन अब उनकी सिर्फ एक शर्त है कि जो भी राजनीतिक दल दंगा आयोग के गठन के उनके प्रस्ताव से सहमत हो वह आगामी चुनावों में खुलकर उनका समर्थन करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर दंगा आयोग बनाने की मांग का समर्थन किसी ने भी नहीं किया तो वो बरेली और मुरादाबाद मण्डल की विधानसभा सीटों पर दम भरेंगे प्रत्याशियों को उतारेंगे. तौकीर रजा ने कहा कि यूपी में चुनावों को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों से बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी बड़े दल से उनकी बात नहीं बनी तो छोटे-छोटे 40 दलों के साथ गठजोड़ कर तीसरा मोर्चा बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री आजम खान का साथ नहीं दिया.