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बरेली: प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में बिल घोटाला, शिक्षक निलंबित

उत्तर प्रदेश के बरेली में शिक्षा विभाग और प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में बिल घोटाला हुआ हैं. इस मामले में जांच के बाद डीएम ने घोटाला करने वाले चार शिक्षकों को निलंबित किया है.

प्राइमरी ओर जूनियर विद्यालयों के बिल में हुए घोटाले.

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Published : Nov 20, 2019, 3:51 PM IST

बरेली:कंपोजिट ग्रांट में खेल करने वाले बेसिक शिक्षकों पर गाज गिरना शुरू हो गई है. डीएम की बैठक के अगले दिन बीएसए ने चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया. बैठक में प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा के सामने कंपोजिट ग्रांट में घोटाले का मामला उठा था, जिसके बाद सीडीओ ने 228 स्कूलों की जांच कराई थी. जांच में 4 स्कूलों में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं थी.

प्राइमरी ओर जूनियर विद्यालयों के बिल में हुए घोटाले.

अध्यापक ने किया बिल पर ओवरराइटिंग
फरीदपुर ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल हरेला के इंचार्ज अध्यापक रजनीश कुमार ने 6 हजार रुपये के पंखे खरीद कर बिल पर ओवरराइटिंग कर दिया. बिल में 6 हजार 6 सौ रुपये कर दिए. वहीं 1 हजार 330 के बिल को 2 हजार 330 और 425 के बिल को ओवरराइटिंग कर 1 हजार 325 कर दिया. कंपोजिट ग्रांट से नियम विरुद्ध बच्चों की 10 हजार 200 रुपये की ड्रेस सिलवा ली. 23 हजार 800 रुपये की धनराशि से बच्चों के लिए कपड़ा खरीदा. 19 हजार 600 रुपये के स्वेटर खरीद डाले. कंपोजिट ग्रांट से यह तीनों ही अनुमन्य नहीं होने के कारण यह वसूली योग्य हैं.

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प्रधानाध्यापिका को किया निलंबित
फरीदपुर के ही प्राथमिक विद्यालय कजरौटा की प्रधानाध्यापिका माला देवी दिनकर को भी निलंबित कर दिया गया है. प्रधानाध्यापिका ने 12 प्लास्टिक चटाई खरीदी थी. इनका बिल 1440 होना चाहिए था, जबकि इसमें 1200 रुपये का फर्जी बिल लगा था. फर्रुखाबाद की फर्म से 1200 रुपये की नियमविरुद्ध खरीद भी की गई.

कंपोजिट ग्रांट से किया 3330 रुपये का नाश्ता
भुता के प्राथमिक स्कूल गल्थुआ की इंचार्ज अध्यापिका प्रियंका सिंह कंपोजिट ग्रांट से स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों को 3330 रुपये का नाश्ता करा डाला. जबकि कंपोजिट ग्रांट से यह खर्च नहीं किया जा सकता है. भदपुरा ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल बिजासिन के प्रधानाध्यापक मुरारी लाल ने स्टेशनरी के जो बिल-वाउचर दिए उन पर ओवरराइटिंग है. इन पर बिल संख्या और तारीख भी नहीं है. अभी और भी शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है.

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