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बरेली के हर गांव और कस्बे में बनाए जाएंगे ब्लड डोनर क्लब

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Published : Sep 10, 2022, 6:22 PM IST

बरेली के हर गांव और कस्बे में ब्लड डोनर क्लब बनाए जाएंगे.

एसआरएमएस
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बरेलीः एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में तीन दिवसीय पहली एनुअल ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन कांफ्रेंस का उद्घाटन(Medicine conference at SRMS) हुआ. बाल रोग, प्रसूति और स्त्री रोग के क्षेत्र में वर्तमान की चिकित्सा पद्धति विषय पर आधारित इस कांफ्रेंस फ्यूजन 2022 के उद्घाटन के साथ ब्लड ट्रांसफ्यूजन में श्रेष्ठ नर्सिंग और स्वैच्छिक रक्तदान के संबंध में वर्कशॉप भी आयोजित की गई.

इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड इम्यूनोह्यूमेटोलाजी के तत्वावधान में आयोजित कांफ्रेंस का उद्घाटन संस्थान के चेयरमैन देव मूर्ति, एसजीपीजीआई लखनऊ के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के हेड प्रोफेसर (डा.) आरके चौधरी, इंडियन सोसायटी आफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड इम्यूनोह्यूमेटोलाजी के प्रेसीडेंट युद्धवीर सिंह ने किया. युद्धवीर सिंह ने एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज(SRMS Medical College) द्वारा दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मानवसेवा को सराहा. उन्होंने कहा कि यह पूर्वजों को असली श्रद्धांजलि है. युद्धवीर सिंह ने ब्लड डोनेशन के लिए बरेली को गोद लेने की घोषणा की. कहा कि इंडियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड इम्यूनोह्यूमेटोलाजी बरेली के हर गांव और कस्बे में ब्लड डोनर क्लब स्थापित करेगा और सुनिश्चित करेगा कि खून की कमी से किसी की भी मौत न होने पाए.

ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन कांफ्रेंस
(डा.) आरके चौधरी ने बरेली को झुमका और प्रियंका चोपड़ा के शहर से संबोधित किया और यहां आने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि डिलिवरी के समय सबसे ज्यादा खून की जरूरत होती है. यही वजह है कि इस प्रसव के दौरान मृत्युदर भी ज्यादा है. नवजात बच्चों भी पर्याप्त खून न होने की वजह से काल के शिकार हो जाते हैं. हमारी कोशिश है कि रक्तदान को बढ़ावा देकर खून की कमी को पूरा कर पाएं. संस्थान के चेयरमैन देवमूर्ति ने कहा कि वर्ष 2002 में दो कमरों में स्थापित हमारा ब्लड बैंक एक यूनिट में बदल गया है. यहां से कोई भी मरीज खून की कमी की वजह से वापस नहीं जाता. इससे पहले कॉलेज के प्राचार्य डा.एसबी गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की उपलब्धियों से अवगत कराया.एसआरएमएस मेडिकल कालेज के ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड इम्यूनोह्यूमेटोलाजी की प्रमुख और कार्यक्रम की संयोजक डा.मिलन जायसवाल ने उपस्थिति अतिथियों का धन्यवाद दिया. उन्होंने पहली नेशनल कांफ्रेंस की रूपरेखा बताई. उन्होंने कांफ्रेंस के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि आज उद्घाटन सत्र के साथ दो वर्कशॉप भी आयोजित की गई हैं. वर्कशॉप में बाल रोग विशेषज्ञ डा.संध्या चौहान, एम्स रायबरेली की डा.अरुणप्रीत कौर, पीलीभीत की डा.नीलम अग्रवाल, आईएमए ब्लड बैंक की डा.अंजू उप्पल, मेडिकल अस्पताल की लेफ्टिनेंट कर्नल डा.ज्योति लक्ष्मी, एम्स ऋषिकेश की डा.गीता नेगी और डा.दलजीत कौर, राजश्री मेडिकल कॉलेज की डा.अपूर्वा ने अपने अपने विषय पर डेलीगेट्स, विद्यार्थियों और नर्सों को जानकारी दी. डा.मिलन ने बताया कि कांफ्रेंस में अगले दो दिन साइंटिफिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. यह साइंटिफिक कांफ्रेंस रामनगर में होगी. इसमें देश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के डेलीगेट्स अपना पेपर प्रस्तुत करेंगे.

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इस मौके पर कॉलेज के डायरेक्ट आदित्य मूर्ति, प्राचार्य डॉ.एसबी गुप्ता, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ.आरपी सिंह, डिप्टी एमएस डॉ.सीएम चतुर्वेदी, डॉ. धवन नागर, डीन पीजी डॉ.पीएल प्रसाद, डीन यूजी डॉ.नीलिमा मेहरोत्रा, डॉ.शशिबाला आर्य, डीएसडब्ल्यू डॉ.कांति कुमार, सभी विभागाध्यक्ष, फैकेल्टी मेंबर, रेजीडेंट्स और विद्यार्थी उपस्थित रहे.

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