उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

परिवहन विभाग ने तैयार किया खास एम-परिवहन ऐप

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए खास एम-परिवहन ऐप बनाया है. इस ऐप के द्वारा ही अब वाहनों की फिटनेस चेक की जाएगी. बाराबंकी में इस ऐप की सफलता के बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जा रहा है.

By

Published : Dec 31, 2020, 6:46 PM IST

एम-परिवहन ऐप से भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम.
एम-परिवहन ऐप से भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम.

बाराबंकी:वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल करने में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने खास किस्म का एम-परिवहन ऐप तैयार किया है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जिले में इसकी कामयाबी के बाद अब इसे सूबे के बड़े जिलों में लागू किया जा रहा है.

एम-परिवहन ऐप से भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम.
परिवहन विभाग का खास एम-परिवहन ऐप
अब किसी भी वाहन को कार्यालय पर लाये बिना उसका फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं हो सकेगा. इसके लिए विभाग ने एक खास ढंग का एम वाहन ऐप तैयार किया है.
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बाराबंकी पहला जिला
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित बाराबंकी जिले में इस ऐप की सफलता के बाद इसे सूबे के बड़े शहरों में लागू किया जा रहा है. इस ऐप के लागू हो जाने से वाहन स्वामियों और विभागीय कर्मचारियों की मिली भगत से गलत ढंग से जारी हो जाने वाले फिटनेस प्रमाणपत्रों पर रोक लगेगी.
परिवहन कार्यालय पर वाहनों का लाना अनिवार्य

अब फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए स्वामी को अपने वाहन को कार्यालय लाना ही होगा क्योंकि एम-परिवहन ऐप कार्यालय से 500 मीटर की परिधि तक ही कार्य करेगा. इस ऐप के जरिये ही वाहन के सभी एंगल से 6 फोटो लिए जाएंगे. इसके अलावा वाइपर, रिफ्लेक्टर, डैशबोर्ड, मिरर और हेडलाइट्स की जांच कर उसकी जानकारी ऐप पर अपलोड की जाएगी. यही नहीं फिटनेस चेकिंग के दौरान वाहन की लोकेशन बताने वाले अक्षांश और देशांतर को भी दर्ज किया जाएगा.

बाराबंकी को चुना गया था पायलट प्रोजेक्ट के लिए
परिवहन विभाग ने बीते नवम्बर माह में बाराबंकी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना था. प्रयोग के तौर पर यहां इस एम-वाहन ऐप के जरिये 6 नवम्बर से 17 दिसम्बर तक 12 वाहनों की टेस्टिंग की गई और ये प्रयोग सफल रहा. सफलता के बाद 17 नवम्बर को एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने पूरी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को भेज दी थी. बुधवार को इस ऐप को सूबे के बड़े जिलों में लागू कर दिया गया.

क्या है प्रक्रिया
इस प्रक्रिया मेंवाहन स्वामी को अपना वाहन कार्यालय तक लाना होगा, क्योंकि इस ऐप को कार्यालय की लोकेशन से फिक्स कर दिया गया है. कार्यालय के 5 सौ मीटर रेडियस के अंदर ही ये ऐप काम करेगा. फिटनेस जांच करने वाले अधिकारी इस वाहन के सभी 6 ऐंगल्स से फोटो लेकर उसे ऐप पर अपलोड करेंगे. वाहन कहां खड़ा है उसकी दिशा,अक्षांश और देशांतर भी फीड किया जाएगा. इस ऐप के द्वारा ही वाहन के उपकरण चेक किये जायेंगे. रिफ्लेक्टर, डैशबोर्ड, हेड लाइट, बैक लाइट, वाइपर, मिरर इन सब की जांच करने के बाद उसकी जानकारी भी अपलोड की जाएगी.

जिले में कितने हैं वाहन
जिले में 23 हजार वाहन पंजीकृत हैं. जिनमें एक हजार वाहन 8 सीटर हैं. फिटनेस के लिए निर्धारित शुल्क भी ऐप के जरिये ही जमा होगा.

अधिकारियों का दावा है कि ये ऐप जहां विभाग के भ्रष्टाचार को कम करेगा. वहीं इससे फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाने में वाहन स्वामियों को होने वाली परेशानी से भी निजात मिलेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details