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Published : Jan 31, 2020, 10:05 AM IST

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बाराबंकी: प्राथमिक विद्यालय में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे मासूम, शिकायत पर भी नहीं लगा हैंडपंप

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय हैं जहां सरकार की अभी तक नजर नहीं पहुंची. शिक्षा विभाग भी विद्यालय पर ध्यान नहीं दे रहा है. इस विद्यालय में आज तक हैंड पंप नहीं लग सका है. यहां पढ़ने वाले मासूम बच्चे दूर गांव में पानी पीने के लिए जाने को मजबूर है.

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बूंद-बूंद पानी को तरस रहे प्राथमिक विद्यालय के मासूम.

बाराबंकी:सरकार और शिक्षा विभाग पढ़ाई को लेकर लाख दावे कर रहा है, लेकिन जिले के दरियाबाद क्षेत्र के मझेला गांव स्थित बढ़ाईन पुरवा में एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय है, जहां पढ़ने वाले बच्चों को पीने का पानी तक नसीब नहीं होता है. विद्यालय के बच्चों को पानी पीने के लिए स्कूल से दूर गांव के अंदर जाना पड़ता है. इसके चलते वहां पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे प्राथमिक विद्यालय के मासूम.

पैसा रिलीज होने के बाद भी नहीं लगा हैंडपंप
दरियाबाद क्षेत्र के मझेला गांव में प्राथमिक विद्यालय 2012 में बनकर तैयार हुआ था. यहां के लोग बताते हैं कि जब भवन का पैसा आता है, तो उसी के साथ इंडिया मार्का हैंडपंप लगाने के लिए जल निगम को पैसा रिलीज कर दिया जाता है. हालांकि, जल निगम ने आज तक यहां पर इंडिया मार्का हैंडपंप नहीं लगाया है. इससे बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे स्कूल के बच्चे
यहां पर पढ़ने के लिए आने वाले छोटे-छोटे बच्चों को पानी पीने के लिए स्कूल से दूर बसे गांव का रुख करना पढ़ता है. इस प्राथमिक विद्यालय के मासूमों को किसी तरह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, उसकी न तो चिंता शिक्षा विभाग को है और न ही जिला प्रशासन को. स्कूल से बाहर आने-जाने के समय इन मासूमों के साथ कभी भी कोई घटना घट सकती है, लेकिन जल निगम और शिक्षा विभाग इस मामले पर ध्यान तक नहीं दे रहा है.

सरकार के दावों को पलीता लगा रहे अधिकारी
प्रदेश सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए जी-जान लगाए हुए है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को पढ़ाने की बात की जाती है. 'जल ही जीवन' का नारा दिया जाता है, लेकिन शिक्षा विभाग उन्हीं मासूमों को बिना पानी के प्यासा मारने पर तुला है. बच्चे यहां पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए आते हैं, लेकिन प्यास के मारे मासूम तड़प कर रह जाते हैं. इन बच्चों के प्यास से तड़पने का असर अधिकारियों पर नहीं पड़ता, चाहे जितनी बार शिकायत की जाए, लेकिन अधिकारियों को इन गरीब बच्चों पर तरस नहीं आता.

शिकायत के बावजूद भी शिक्षा विभाग मौन
इस परेशानी की शिकायत गांव के ही एक निवासी ने उच्चाधिकारियों से कई बार की, लेकिन इस ओर शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी ध्यान तक नहीं दे रहा. क्षेत्रीय विधायक सतीश शर्मा भी बच्चों के साथ पानी को लेकर हो रहे इस अन्याय पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. सीडीओ बाराबंकी भी इस मामले को लेकर खामोश नजर आ रहे हैं.

जब ईटीवी संवाददाता ने बच्चों से पूछा कि पानी पीने के लिए आप लोग कहां जाते हैं? तो बच्चों ने बताया कि पानी पीने के लिए स्कूल से दूर गांव में जाना पड़ता है. विद्यालय के अध्यापक से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कैमरे पर खुलकर बोलने से इनकार कर दिया. अध्यापक ने दबी जुबान में सिर्फ इतना कहा कि विधायक से बात हुई है, उन्होंने जल्द हैंडपंप लगवाने की बात कही है.

हमने इस मामले की शिकायत सीडीओ बाराबंकी से और बेसिक शिक्षा अधिकारी से की है. खंड शिक्षा अधिकारी को भी मामले में अवगत कराया गया है. यहां तक कि विधायक दरियाबाद से भी मांग की है कि यहां हैंडपंप लगाया जाए, लेकिन अभी तक इस विद्यालय में हैंडपंप नहीं लगाया गया. बच्चों को पानी पीने के लिए गांव में जाना पड़ता है.
जगजीवन बक्स सिंह, शिकायतकर्ता

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