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बाराबंकी: मिलावटी शराब बनाने वाले बड़े रैकेट का भंडाफोड़, 13 गिरफ्तार

यूपी के बाराबंकी जिले में मिलावटी शराब बनाने और बेचने वाले एक गैंग का खुलासा करते हुए पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन अभियुक्तों के पास से बड़ी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण बरामद किए हैं.

जानकारी देते एसपी.
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Published : Jan 30, 2020, 5:20 AM IST

बाराबंकी:जनपद में पुलिस ने मिलावटी शराब बनाने और बेचने वाले एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है. पुलिस ने इस रैकेट के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से शराब बनाने के उपकरण, रैपर, बारकोड, खाली शीशियां, ढक्कन, गैलन, यूरिया खाद और 250 लीटर अपमिश्रित शराब बरामद की गई है. पूछताछ में पता चला है कि ये नकली शराब जिले के ही कई सरकारी देशी ठेकों पर धड़ल्ले से बेची जा रही थी.

जानकारी देते एसपी.
दरअसल, जिले में अवैध शराब बनाने और बेचने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में थाना मसौली और रामनगर पुलिस की संयुक्त टीम और स्वाट टीम ने बुधवार को मुखबिर की सूचना पर शाहबपुर गांव में छापेमारी करते हुए एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस दौरान पुलिस ने 13 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से अपमिश्रित शराब बनाने के लिए इस्तेमाल में लाई जा रही पांच गैलन में 250 लीटर मिलावटी शराब, दो बोरियो में 501 पौवा अपमिश्रित निर्मित शराब, 2,800 रैपर, 3,050 बारकोड,1,871 खाली शीशियां, दो हजार ढक्कन, चार खाली गैलन, पांच किलो यूरिया और एक पिकप गाड़ी बरामद की गई है.

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पकड़े गए अभियुक्त नवीन, सतीश, प्रदीप और अनिल जायसवाल मिथाइल एल्कोहल यासीन से मंगवाकर संतोष पाल के मकान में रखकर अपमिश्रित शराब बनाने का काम करते थे. सुमित, मोतीलाल और संतोष पाल बोतलों और शीशियों पर नकली रैपर और बारकोड चिपका कर उसमें मिलावटी शराब भरकर सतरिख, उध्वापुर और सैदनपुर स्थित सरकारी देशी ठेकों पर सेल्समैन और मैनेजरों की मदद से बेचने का काम करते थे. अवैध शराब का यह कारोबार संगठित गिरोह के रूप में किया जाता था, जिसका सरगना नवीन जायसवाल और सतीश जायसवाल है.
इसमें रमाकांत तिवारी उर्फ रामजी द्वारा खाली शीशियों और बोतलों की व्यवस्था कराई जाती है. अभियुक्त रिषभ नकली रैपर और बारकोड की व्यवस्था करता था. हालांकि रिषभ फरार चल रहा है. राजेन्द्र वर्मा और उसकी पत्नी द्वारा अपने घर से मिलावटी शराब ठेकों पर नवीन, अनिल, सतीश और प्रदीप के जरिये सप्लाई की जाती थी, जिसे सरकारी ठेके के मैनेजर सुनील यादव, कुश प्रताप सिंह और रेवती रमण मिश्रा अपनी दुकानों से इसे बेच देते थे. एक और फरार अभियुक्त शमशाद द्वारा मिथाइल एल्कोहल सतीश की पिकप गाड़ी से यासीन के पास से लाकर गोदाम तक पहुंचाया जाता था.

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