बाराबंकी:जनपद में एक मां ने अपने इकलौते बेटे के वियोग में आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
8 माह से जेल में बंद बेटे के गम में मां ने जान दी - बाराबंकी में महिला ने आत्महत्या की
बाराबंकी में एक महिला का बेटा पिछले 8 माह से जेल में है. इसके चलते मां ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. साथ ही मामले की जांच में जुट गई
जैदपुर थाना क्षेत्र के न्योछना गांव के रहने वाले कुशमेश यादव रविवार को रोज की तरह सो कर उठे. उनकी 45 वर्षीय पत्नी लल्ली देवी ने नाश्ता बनाया. पति पत्नी दोनों ने नाश्ता किया. उसके बाद कुशमेश किसी काम से घर से बाहर चले गए. करीब दो घण्टे बाद जब कुशमेश लौटा तो घर का दरवाजा अंदर से बंद मिला. उसने पत्नी को आवाज लगाई. काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो उसे अनहोनी की आशंका हुई. कमरे में झांक कर देखा तो अंदर का नजारा देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. अंदर कमरे में उसकी पत्नी का शव पड़ा हुआ था. उसकी चीख पर आसपास के लोग दौड़े. इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी. सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को उतरवा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
कुशमेश के मुताबिक उसका इकलौता बेटा दुर्गेश पिछले आठ महीनों से जेल में निरुद्ध है. दरअसल उसके असंदरा थाना क्षेत्र के एक रिश्तेदार ने दुर्गेश पर पॉक्सो ऐक्ट का एक मुकदमा लिखा दिया था. इसी मुकदमे में दुर्गेश जेल में है. शनिवार को दुर्गेश की जमानत अर्जी लगी थी. लल्ली देवी को उम्मीद थी कि उसे जमानत मिल जाएगी. लेकिन जमानत खारिज हो गई. इससे लल्ली देवी परेशान थी. वह अक्सर अपने पति से कहती थी कि उसका बेटा निर्दोष है. जमानत अर्जी खारिज होने से वह सदमे में आ गई और उसने आत्महत्या कर ली. जैदपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि महिला का पुत्र जेल में है. वह परेशान थी. इसी परेशानी के चलते उसने आत्महत्या कर ली.
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