बाराबंकी: जिले के आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक यानी आयुष अस्पतालों से गायब रहने वाले डॉक्टरों की निगरानी (Monitoring of AYUSH hospitals doctors in Barabanki) होगी. इसके लिए सरकार ने रणनीति तैयार कर ली है. राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र ने कहा कि सभी अस्पतालों में वीडियो कैमरे लगाए जाएंगे और डॉक्टरों की हाजिरी के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया जाएगा.
आयुष विभाग के मंत्री दयाशंकर मिश्र ने बाराबंकी में पत्रकारों से विभाग की कई उपलब्धियां साझा कीं. उन्होंने बताया कि किराए के कमरों में चलने वाले आयुष के अस्पतालों को उनके भवन मिलेंगे. इसके लिए जमीनों की तलाश की जा रही है. खास बात ये है कि ऐसे अस्पताल इंटीग्रेटेड होंगे यानी एक ही परिसर में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी अस्पताल के साथ ही योग भी रहेगा.
मीडिया से बात करते राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र ने बताया कि बाराबंकी में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज (Ayurvedic Medical College in Barabanki) का निर्माण कराया जा रहा है. 11 जिला मुख्यालयों पर 50 बेड के आयुष अस्पताल (AYUSH hospitals in Barabanki) तैयार किए जा रहे हैं. 11 में से 9 अस्पताल बनकर तैयार हो गए हैं, जिनमें से 6 अस्पतालों का जल्द ही उद्घाटन होना है. अभी तक प्रदेश में 4 हजार अस्पताल थे. जिनमें यूनानी, होम्योपैथी और आयुर्वेद सभी अलग-अलग थे. लेकिन, अब इन सभी अस्पतालों को एकीकृत किया जा रहा है. एक ही परिसर में ये तीनो विधाएं रहेंगी.
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मंत्री दयाशंकर मिश्र (State Minister Dayashankar Mishra) ने बताया कि उनकी सरकार की मंशा है कि कोई भी अस्पताल जर्जर न रहे. सभी अस्पतालों का अपना भवन हो. इसके लिए जिला प्रशासन स्तर पर जमीनें मांगी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टरों की गैर हाजिरी की निगरानी होगी. इसके लिए प्रत्येक अस्पताल सीसीटीवी कैमरों से लैस बनाया जाएगा. डॉक्टरों की हाजिसी के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम (Biometric attendance of AYUSH hospitals doctors) लगाया जाएगा.
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