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बाराबंकी: मैंगो फेस्टिवल में नजर आए 175 किस्म के आम

बाराबंकी में पहले ढाई सौ से ज्यादा किस्मों के आम पैदा होते थे, लेकिन कुछ वर्षों से आम की किस्में खत्म होती जा रही हैं. लोगों ने इसे बचाने के लिए अभियान शुरू किया है. हर वर्ष आम महोत्सव के जरिए लोगों से आम की किस्मों और बागान बचाने की अपील की जाती है.

बाराबंकी में आम महोत्सव का आयोजन.

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Published : Jun 24, 2019, 2:08 PM IST

बाराबंकी:आम की पैदावार करने के मामले में बाराबंकी का नाम लखनऊ के मलिहाबाद से कम नहीं है. कभी यहां ढाई सौ से ज्यादा किस्मों के आम पैदा होते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दवाइयों के अंधाधुंध प्रयोग और पेड़ों के कटान से आम की किस्में खत्म होती जा रही हैं. वहीं पिछले सात वर्षों से लोग आम महोत्सव के जरिए जनमानस के साथ बाग मालिकान को इसके प्रति जागरूक कर रहे हैं.

बाराबंकी में आम महोत्सव का आयोजन.
  • कभी बाराबंकी में कई किस्मों के आमों के बागान थे.
  • बड़ागांव, मसौली, भयारा, रामनगर, सतरिख और फतेहपुर इलाकों में आम की पैदावार होती थी.
  • करीब ढाई सौ किस्मों के आम यहां पैदा होते थे.
  • बीतते वक्त के साथ प्रदूषित हो रहे पर्यावरण का असर इन बागों पर भी पड़ा.
  • साथ ही इन आमों पर पेस्टिसाइड का भी असर पड़ने लगा.
  • वहीं पेड़ों की कटाई से भी आम के पैदावार प्रभावित हुए.

वहीं आम के शौकीन लोगों ने खत्म हो रही आम की प्रजातियों को बचाने की मुहिम शुरू की. सात वर्ष पहले लोगों ने पर्यावरण संरक्षण समिति का गठन कर अभियान शुरू किया. इसके तहत हर वर्ष आम महोत्सव के जरिए लोगों से न केवल पर्यावरण बचाने की अपील करते हैं बल्कि आम की किस्मों और बागान बचाने की भी अपील करते हैं. महोत्सव में लोग अपनी बागों के आम लाकर उनका प्रदर्शन भी करते हैं. प्रदर्शन में तकरीबन 175 किस्मों के आम होते हैं.

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