बाराबंकी की रामनगर विधानसभा-267 का क्या है गुणा-गणित, ये नेता आजमा सकते हैं अपनी किस्मत - भाजपा
गोंडा-बहराइच राजमार्ग के दोनों ओर स्थित रामनगर विधानसभा अपने आप मे कई इतिहास समेटे हुए है. धार्मिक रूप से रामनगर काफी मशहूर है. रामनगर कस्बे से महज कुछ दूरी पर स्थित महादेवा धाम पूरे देश मे प्रसिद्ध है. रामनगर विधानसभा-267 में कुल मतदाताओं की संख्या 03 लाख 25 हजार 603 है. जिसमें 1 लाख 76 हजार 269 पुरुष मतदाता हैं तो 1 लाख 49 हजार 333 महिला मतदाता हैं. वहीं इस विधानसभा में महज एक मतदाता थर्ड जेंडर का है.
रामनगर विधानसभा-267 का क्या है गुणा-गणित
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Published : Nov 13, 2021, 2:33 PM IST
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में से एक है रामनगर विधानसभा-267. जिले की रामनगर एक ऐसी विधानसभा है जहां वर्ष 2007 से जिस दल का प्रत्याशी जीता सूबे में उसी दल की सरकार बनी. जिले की यही एकमात्र विधानसभा है जहां सभी प्रमुख दल जैसे सपा बसपा,कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी जीत दर्ज करा चुके हैं.
धार्मिक रूप से खास पहचान गोंडा-बहराइच राजमार्ग के दोनों ओर स्थित रामनगर विधानसभा अपने आप मे कई इतिहास समेटे हुए है. धार्मिक रूप से रामनगर काफी मशहूर है. रामनगर कस्बे से महज कुछ दूरी पर स्थित महादेवा धाम पूरे देश मे प्रसिद्ध है. यहां स्थित लोधेश्वर महादेव मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आकर जलाभिषेक करते हैं. प्रदेश के तमाम जिलों से कांवरिये यहां आकर जलाभिषेक करना अपना सौभाग्य मानते हैं. विश्वप्रसिद्ध पारिजात वृक्ष इसी विधानसभा के बरौलिया में स्थित है. तो कुंतेश्वर मंदिर भी यही है.
रामनगर विधानसभा-267 का क्या है गुणा-गणित
विधानसभा के किनारे से गुजरती है घाघरा नदी
इस विधानसभा के किनारे से होकर घाघरा नदी बहती है. जिसके किनारे दर्जनों गांव बसे हैं.तराई में स्थित होने के चलते यहां गन्ने की जबरदस्त खेती होती थी.गन्ने की जबरदस्त खेती के कारण यहां बुढ़वल में एक चीनी मिल की स्थापना की गई थी लेकिन घाटे के चलते कुछ वर्षों बाद मिल बन्द कर दी गई.हर वर्ष आने वाली घाघरा नदी में बाढ़ और उसके कटाव के चलते किसानों की गन्ने की फसल प्रभावित होने लगी.एक तो बाढ़ के चलते फसलों का बर्बाद होना और दूसरे चीनी मिल के बन्द हो जाने से किसानों ने गन्ने की फसल से रुख मोड़ना शुरू कर दिया.
रामनगर विधानसभा-267 के आंकड़े.
हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं दर्जनों गांव
हर वर्ष इस विधानसभा के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं. तराई में बसने वाले लोग अपना घर बार छोड़कर बांध पर आ जाते हैं और बाढ़ कम होने पर फिर अपने घर जाकर तिनके-तिनके जोड़ने में लग जाते हैं. यही वजह है कि ये इलाका काफी पिछड़ा माना जाता है. लोगों के पास स्थायी रोजगार नही हैं. यहां के लोग दिल्ली,मुम्बई समेत दूसरे इलाकों में जाकर नौकरी करते हैं. इस विधानसभा में सड़कों का जाल बिछा है. यहां से गोंडा,बहराइच करीब है. यहां से बस के जरिये प्रदेश के हर तरफ जाया जा सकता है. यहां एनईआर की रेलवे लाइन है जहां बुढ़वल स्टेशन से गोरखपुर और दिल्ली,मुम्बई तक जाया जा सकता है.
मतदाताओं की संख्या रामनगर विधानसभा-267 में कुल मतदाताओं की संख्या 03 लाख 25 हजार 603 है. जिसमें 1 लाख 76 हजार 269 पुरुष मतदाता हैं तो 1 लाख 49 हजार 333 महिला मतदाता हैं. वहीं इस विधानसभा में महज एक मतदाता थर्ड जेंडर का है.इस विधानसभा में अनुमानित जातिगत आंकड़ों की बात करें तो तकरीबन 23 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं,16 फीसदी कुर्मी और 15 फीसदी के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं,12 फीसदी यादव और 12 फीसदी दलित मतदाता हैं,06 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं बाकी 16 फीसदी अन्य मतदाता हैं.
रामनगर विधानसभा-267 के आंकड़े.
अब तक हुए चुनावों में जीते प्रतिनिधि
क्रम संख्या
चुनाव वर्ष
चुने हुए प्रत्याशी
पार्टी का नाम
1
1967
राम आसरे
संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
2
1969
शेषनरायन शुक्ला
कांग्रेस
3
1974
भगवती प्रसाद
कांग्रेस
4
1977
मसूदूल हसन नोमानी
जनता पार्टी
5
1980
गजेंद्र सिंह
कांग्रेस
6
1985
फरीद महफूज किदवई
लोकदल
7
1989
शिवकरन सिंह
कांग्रेस
8
1991
फरीद महफूज किदवई
जनता पार्टी
9
1993
राज लक्ष्मी
भाजपा
10
1996
सरवर अली
सपा
11
2002
राज लक्ष्मी
भाजपा
12
2007
अमरेश कुमार
बसपा
13
2012
अरविंद सिंह गोप
सपा
14
2017
शरद अवस्थी
भाजपा
फिर शुरू हुआ गुणा-गणित पिछले चुनाव में मोदी लहर में भाजपा के शरद अवस्थी ने सपा के दिग्गज अरविंद सिंह गोप को 22727 वोटों से हरा कर इस सीट पर कब्जा कर लिया था. तब बसपा तीसरे स्थान पर रही थी.आने वाले चुनाव में शरद अवस्थी पर एक बार फिर भाजपा भरोसा जता सकती है, हालांकि यहां से भाजपा के कई दावेदार टिकट पाने के लिए हाईकमान तक दौड़ लगा रहे हैं.सपा के अरविंद सिंह गोप एक बार फिर से क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय हैं. वहीं सपा सूत्रों की बात पर यकीन करें तो इस सीट से बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा भी अपनी उम्मीदवारी जता कर तैयारियों में जुटे हैं. हालांकि अखिलेश यादव यहां पर किस पर अपना भरोसा जताते हैं ये तस्वीर अभी साफ नहीं है. बसपा भी इस सीट पर अपना कब्जा जमाने के लिए जद्दोजेहद कर रही है.बसपा ने एक नए उम्मीदवार रामकिशोर शुक्ला पर अपना दांव लगाया है.