बाराबंकी:वकालत की पढ़ाई करने के बाद जिले के किसान मोइनुद्दीन ने खेती करने का फैसला लिया था. जिसके बाद वह हजारों किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुके हैं. दरअसल परंपरागत खेती छोड़ फूलों की खेती करके देश-दुनिया में मोइनुद्दीन ने नाम कमाया. वहीं फूलों की खेती के लिए मोइनुद्दीन को राज्य सरकारे सम्मानित भी कर चुकी हैं.
जिलाधिकारी आवास से लेकर संसद तक के गलियारों में जिन फूलों की महक पहुंचती है, उन्हें उगाने का श्रेय किसान मोइनुद्दीन को जाता है. किसान मोइनुद्दीन ने कानून की पढ़ाई करने के बावजूद अपने पुश्तैनी पड़ी जमीन पर विदेशी फूलों की खेती करके सबको हैरानी में डाल दिया. मोइनुद्दीन के इस काम की सराहना जिला उद्यान विभाग भी करता है. मोइनुद्दीन ने न सिर्फ अपने खेतों में रंग-बिरंगे विदेशी फूल उगाकर गांव के चारों तरफ उसकी महक बिखेरी, बल्कि उस महक के साथ-साथ अब तक हजारों लोगों को रोजगार भी दे चुके हैं. शायद यही वजह है कि आज गांव के रोजगार पाए लोगों ने मोइनुद्दीन को अपना आदर्श मान लिया है. गांव वाले अब मोइनुद्दीन को प्रधान जी कहकर बुलाते हैं और उन्होंने इन्हें प्रधान भी चुन लिया है.