बांदा : बाहुबली मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले में बयान दर्ज करने के लिए बाराबंकी पुलिस गुरुवार को बांदा मंडल कारागार पहुंची. इस मामले के जांचकर्ता महेंद्र प्रताप के नेतृत्व में बाराबंकी पुलिस की 5 सदस्यीय टीम जेल के अंदर दाखिल हुई और लगभग 2 घंटे तक जेल के अंदर रही. टीम ने मुख्तार अंसारी के बयान दर्ज किए. सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में मुख्तार अंसारी ने बाराबंकी पुलिस को बताया है कि साल 2013 में रजिस्टर्ड एम्बुलेंस (UP-41 AT 7171) का वह 2013 से ही इस्तेमाल कर रहा था. इसके अलावा एंबुलेंस प्रकरण से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण बातें बाराबंकी पुलिस को मुख्तार अंसारी ने बताई है.
मुख्तार अंसारी का एंबुलेंस मामला
दरअसल बाहुबली मुख्तार अंसारी जब पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, तब उसे मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था. मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए जाने के दौरान मुख्तार अंसारी ने जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल किया था, वह एंबुलेंस यूपी के बाराबंकी जिले से रजिस्टर्ड थी. एंबुलेंस का नंबर UP-41 AT 7171 था. इसके बाद जब इस एंबुलेंस के संबंध में पुलिस ने जांच-पड़ताल की तो पता चला कि इस एंबुलेंस को फर्जी दस्तावेजों के सहारे रजिस्टर्ड कराया गया है. इसके बाद मुख्तार अंसारी को इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता पुलिस ने बनाया और उसके खिलाफ बाराबंकी नगर कोतवाली में केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने अपनी तफ्तीश बढ़ाते हुए इस मामले से जुड़े तीन और लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें मऊ के संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय, मुख्तार अंसारी के गुर्गे राजनाथ यादव और शेषनाथ राय को गिरफ्तार किया गया. वहीं कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद गुरुवार को एंबुलेंस मामले को लेकर बाराबंकी की पुलिस बांदा मंडल कारागार पहुंची और मुख्तार अंसारी के बयान दर्ज किए.
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