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मुख्तार पर POTA लगाने वाले पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह दोबारा चर्चा में

चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र के फेसुडा गांव के रहने वाले शैलेन्द्र सिंह ने मुख्तार अंसारी से सीधी टक्कर ली थी. बात उस समय की है जब शैलेन्द्र सिंह वाराणसी यूनिट के एसटीएफ के इंचार्ज थे. लखनऊ के कैंट स्टेशन के पास कृष्णानंद राय और मुख्तार गैंग के बीच हुई क्रॉस फायरिंग के बाद सरकार ने शैलेन्द्र से इन दोनों पर नजर रखने को कहा था.

शैलेन्द्र सिंह
शैलेन्द्र सिंह

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Published : Apr 9, 2021, 8:39 PM IST

बाराबंकी :मुख्तार के पंजाब से वापस लाए जाने का मामला जब से सुर्खियों में आया है, तब से मुख्तार के ठिकाने से LMG यानी लाइट मशीनगन की रिकवरी कर चर्चा में आये डिप्टी एसपी रहे शैलेन्द्र सिंह एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. शैलेन्द्र सिंह ने ही मुख्तार अंसारी पर POTA लगाया था.

हालांकि बाद में राजनीतिक दबाव के चलते उन पर डीएम आफिस में न्यूसेंस करने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया था. तकरीबन 17 वर्ष बाद योगी सरकार ने उन पर लगे इस केस को वापस ले लिया है.

बाराबंकी पहुंचे शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि जिस तरह से उनके ऊपर दुर्भावनावश केस लगाया गया वो वापस हो गया है. उन्हें खुशी है कि उनका खोया हुआ सम्मान वापस मिल गया.

मुख्तार पर POTA लगाने वाले पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह दोबारा चर्चा में
पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह पहुंचे बाराबंकीशुक्रवार को बाराबंकी जिला बार एसोसिएशन पहुंचने पर पूर्व डिप्टी एसपी रहे शैलेन्द्र सिंह का अधिवक्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. बाराबंकी में डिप्टी एसपी रह चुके शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि उनका बाराबंकी से खास लगाव रहा है.

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राजनीतिक दबाव में नौकरी से दे दिया था त्यागपत्र
चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र के फेसुडा गांव के रहने वाले शैलेन्द्र सिंह ने मुख्तार अंसारी से सीधी टक्कर ली थी. बात उस समय की है जब शैलेन्द्र सिंह वाराणसी यूनिट के एसटीएफ के इंचार्ज थे. लखनऊ के कैंट स्टेशन के पास कृष्णानंद राय और मुख्तार गैंग के बीच हुई क्रॉस फायरिंग के बाद सरकार ने शैलेन्द्र से इन दोनों पर नजर रखने को कहा था.

शैलेन्द्र सिंह ने इन पर नजर रखते हुए एक रिकार्डिंग पकड़ी थी जिसमें लाइट मशीन गन का सौदा किया जा रहा था. इस काल के बाद 25 जनवरी 2004 को वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र में छापेमारी कर एलएमजी पकड़ी गई थी. इस संबंध में पोटा की कार्रवाई की गयी थी. मामले में मुख्तार अंसारी का नाम आने से हड़कंप मच गया था. फिर शैलेन्द्र सिंह पर राजनीतिक दबाव पड़े जिससे उन्होंने फरवरी 2004 में नौकरी से त्यागपत्र दे दिया.

राजनीति में नही मिली सफलता
नौकरी छोड़ने के बाद शैलेन्द्र सिंह ने राजनीति में किस्मत आजमाने की सोची और 2004 में वाराणसी सीट पर निर्दल उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. वर्ष 2006 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

कांग्रेस ने इन्हें आरटीआई का यूपी प्रभारी बनाया था. वर्ष 2009 में चंदौली लोकसभा सीट से कांग्रेस से चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं मिली. फिर 2012 में सैयदराजा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए. फिर वर्ष 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के संपर्क आये और भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य बने.

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जेल जाना पड़ा था शैलेंद्र को
त्यागपत्र देने के कुछ महीने बाद शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ वाराणसी डीएम ऑफिस में न्यूसेंस करने के मामले में डीएम कार्यालय के एक कर्मचारी ने एफआईआर दर्ज कराई. बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया.

बैलों से बना रहे बिजली
शैलेन्द्र सिंह गो-सेवा कर रहे हैं. राजनीति से उन्होंने दूरी बना ली है. उन्होंने कहा कि गो-संस्कृति पर जो काम कर रहा हूं, वही करूंगा. शैलेन्द्र सिंह ने बैलों का बेहतरीन सदुपयोग शुरू किया है.

इन्होंने बैलों को चक्कर में घुमाकर अल्टीनेटर के जरिये बिजली पैदा करने का प्रोजेक्ट लगाया है. बताया कि जल्द ही वो एक बड़ा प्रोजेक्ट लाने वाले हैं जो किसानों के लिए लाभकारी होगा.

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