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बांदा में बदहाली के आंसू बहा रहे गो-आश्रय केंद्र

बुंदेलखंड के किसानों को अन्ना पशुओं से निजात दिलाने के लिए सरकार ने गो संरक्षण केंद्र और गो-आश्रय केंद्र बनाने की बात कही थी. जिसके तहत बुंदेलखंड में गो आश्रय केंद्रों बनवाया भी गया है, लेकिन यहां लाखों रुपये कीमत से बने गो-आश्रय केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं.

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Published : Jun 29, 2019, 12:04 AM IST

बदहाली पर आंसू बहा रहे आश्रय केंद्र और गोशालाएं

बांदाः योगी सरकार ने बुंदेलखंड के किसानों के लिए गो आश्रय केंद्र और गौ संरक्षण केंद्र बनवाने की बात कही थी. जिसके तहत सभी जिलों में यह केंद्र बनवाई भी गए है. गो संरक्षण केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र बनाने के बाद सरकार ने जिला प्रशासन को चारे और भूसे का इंतजाम करने के लिए भी निर्देशित किया था. मगर इन गो-आश्रय और गो-संरक्षण केंद्रों में प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई.

बदहाली पर आंसू बहा रहे आश्रय केंद्र और गोशालाएं.
क्या है पूरा मामलाः
  • किसानों का कहना है कि वे अन्ना गोवंश से बहुत परेशान हैं. जिसकी वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं.
  • यह समय बुवाई का है लेकिन गोवंश को की वजह से वह अपनी फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं.
  • सरकार ने गोशाला बनवाई हैं मगर वहां कोई इंतजाम नहीं है ना ही गोशालाओं की देखरेख करने वाला ही कोई.
  • किसानों ने कहा कि उन्होंने कुछ महीने पहले अपने गेहूं की फसलों को बचाने के लिए खुद से ही चारे पानी की व्यवस्था कर अन्ना जानवरों को उनमें बंद किया था.
  • लेकिन जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली.
  • कई किसानों ने यह भी बताया कि ना चाहते हुए भी कटीले तारों को अपने खेतों में लगा देता है. जिससे यह अन्ना जानवर उसमें कट जाते हैं.

किसानों ने कहा कि अगर सरकार और जिला प्रशासन यहां बनाई गई गौशालाओं मैं समुचित व्यवस्था कर दे तो उनकी अन्ना जानवरों से फसलें बच सकती हैं अन्यथा यहां का किसान परेशान ही रहेगा.
-उमाशंकर द्विवेदी, किसान

नवल किशोर सिंह, किसान ने बताया कि जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है. हर कोई अन्ना गोवंश से परेशान है.

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