बलरामपुर: प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए राज्य और केंद्र की सरकार चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन जमीन पर जब स्थिति देखने उतरिए तो बेहद बदरंग ही नजर आती है. प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों की होती है. लेकिन जिले के दूरस्थ इलाकों में स्थित तमाम परिषदीय स्कूलों से शिक्षक या तो बेसिक शिक्षा विभाग की कृपा से नदारद रहते हैं या स्कूलों में नाम मात्र ही आते हैं. ऐसे में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता पर सवाल खड़े होना लाजमी है.
जानिए क्या है पूरा मामला
- जिले में कुल 9 ब्लॉक हैं.
- ब्लॉकों की 801 ग्राम सभाओं में 1575 प्राथमिक विद्यालय 646 उच्च प्राथमिक विद्यालय स्थित हैं.
- प्राथमिक विद्यालयों में कुल 3629 शिक्षक कार्यरत हैं.
- उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कुल 1264 शिक्षक कार्यरत है, जबकि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की संख्या 1830 है.
- प्राथमिक विद्यालयों में अनुदेशकों की संख्या 148 है.
- वहीं 500 से अधिक विद्यालयों में शिक्षक किसी न किसी बहाने से आए दिन गायब रहते हैं.
बलरामपुर जिला प्रशासन के के अनुसार अभी जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने 80 से अधिक विद्यालयों में शिक्षकों के उपस्थित की जांच करवाई है. जांच के बाद मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की बात भी कही जा रही है.