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फिरोज पप्पू हत्याकांड : जमानत पर जेल से रिहा हुईं जेबा रिजवान, जानें क्या है मामला? - रिज़वान जहीर न्यूज

जेबा रिजवान बुधवार की सुबह जिला जेल बलरामपुर से रिहा होकर तुलसीपुर स्थित अपने आवास पर पहुंचीं. जहां पर उनसे मुलाकात करने के लिए समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा. बता दें जेबा रिज़वान और उनके पूर्व सांसद पिता व पति रमीज नेमत खान समेत कुल 6 आरोपी जिला जेल में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज़ पप्पू हत्याकांड में निरुद्ध चल रहे थे.

जमानत पर जेल से रिहा हुईं जेबा रिजवान
जमानत पर जेल से रिहा हुईं जेबा रिजवान

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Published : Jun 29, 2022, 10:52 PM IST

बलरामपुर : बाहुबली नेता, पूर्व सांसद रिजवान जहीर की बेटी व तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायकी का चुनाव लड़ चुकीं समाजवादी पार्टी नेत्री जेबा रिजवान को जमानत मिल गई है. वह बुधवार की सुबह जिला जेल बलरामपुर से रिहा होकर तुलसीपुर स्थित अपने आवास पर पहुंचीं. जहां पर उनसे मुलाकात करने के लिए समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा. बता दें जेबा रिज़वान और उनके पूर्व सांसद पिता व पति रमीज नेमत खान समेत कुल 6 आरोपी जिला जेल में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज़ पप्पू हत्याकांड में निरुद्ध चल रहे थे. इससे पहले भी जेबा रिजवान को लखनऊ हाई कोर्ट द्वारा जमानत मिल चुकी थी, लेकिन उनके रिहा होने से ठीक पहले जिला प्रशासन ने रासुका के तहत कार्रवाई की थी. जिससे वह रिहा नहीं हो सकी थीं.

4 जनवरी को रात 11 बजे पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज़ पप्पू को उनकी घर की गली में ही तीन मुख्य आरोपियों ने मौत के घाट उतार दिया था. इतनी बेरहमी से हत्या की गई थी कि पूरे शहर में भय का माहौल पैदा हो गया था. 4 से 5 जनवरी को तुलसीपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने मामले में जांच करते हुए एक हफ्ते में केस का खुलासा करने का दावा किया. 10 जनवरी को बलरामपुर पुलिस ने फिरोज पप्पू के हत्या में शामिल आरोपियों को पकड़कर प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान एसपी हेमंत कुटियाल ने दावा किया कि साक्ष्यों के आधार पर पूर्व सांसद रिजवान जहीर, उनकी बेटी जेबा रिज़वान और दामाद रमीज खान भी इस हत्या में शामिल हैं. उन्हीं के घर पर बैठकर इस सनसनीखेज हत्या की योजना बनाई गई थी.

10 जनवरी को हत्याकांड के मुख्य आरोपी मेहराजुल, महफूज़ और शकील के साथ-साथ हत्या की साजिश रचने के आरोपों में जेबा रिज़वान, रिज़वान जहीर और रमीज खान को भी कोर्ट में पेश किया गया. जहां पर न्यायाधीश ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 10 जनवरी को ही कोर्ट से निकलते हुए जेबा रिज़वान और उनके पति रमीज नेमत खान ने मीडिया से कहा कि उन्हें साजिशन फंसाया गया है कि वह विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी ना पेश कर सकें और वह लड़ाई से बाहर हो जाएं. जनवरी में फिरोज पप्पू परिवार ने जान को खतरा बताते हुए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से अपने लिए सुरक्षा की मांग की, जिसके बाद मरहूम फिरोज पप्पू के पारिवारिक सदस्यों को जिला प्रशासन ने सुरक्षा प्रदान की. फरवरी में रिजवान जहीर व उनके परिवार पर जिला प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए मुश्किलें और बढ़ा दीं.

फरवरी-मार्च में ही रिजवान जहीर और उनके परिवार के लोगों की संपत्तियों की जांच शुरू की गई. फरवरी-मार्च में ही रिजवान जहीर को प्रदेश स्तरीय माफिया घोषित किया गया. जिसके बाद उन्हें प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों में शामिल किया गया. अप्रैल और मई में रिजवान जहीर और उनसे जुड़े पारिवारिक लोगों की संपत्तियों की जांच पड़ताल करते हुए लखनऊ समेत तुलसीपुर के आवासीय तथा कमर्शियल भवनों को कुर्क व जब्त करने का काम किया गया. 13 मई को जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रिजवान जहीर के ऊपर कार्रवाई की. मई में ही रिजवान जहीर के तुलसीपुर स्थित आवास पर योगी सरकार का बुलडोजर चला और सपा के पूर्व विधायक मशहूद खान के भाई महमूद खान की संपत्तियों को उनके कब्जे से खाली करवाया गया.

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23 मई को पूर्व सांसद रिजवान शहीद की बेटी जेबा रिजवान को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सशर्त अंतरिम जमानत प्रदान की. जेल से रिहा होने से ठीक पहले 31 मई को जेबा रिज़वान पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई. 2 जून को जेबा रिजवान के ससुर प्रोफेसर डॉ. नेमत उल्ला खान ने बलरामपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जिला प्रशासन पर यह आरोप लगाया था कि केवल रिहा ना होने देने के लिए ही रासुका लगाया गया है, जबकि जेबा मामले में पूरी तरह में निर्दोष हैं. इसके 1 हफ्ते बाद रिजवान जहीर के दामाद रमीज नेमत खान पर भी प्रदेश सरकार ने रासुका के तहत कार्रवाई करते हुए, उनकी मुश्किलों को और बढ़ाया.

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