बलरामपुर: दुनिया भर के कई देशों में फैल चुके कोरोना वायरस ने बलराम में भी हाहाकार मचाया हुआ है. वहीं देश में वायरस से ग्रसित मरीजों की पृष्टि हो रही है. बता देें कि कोविड-19 नाम के वायरस से पीड़ित मरीजोंं की संख्या 43 के पार पहुंच गई है. इसी कड़ी में भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से खुली सीमा साझा करने वाले जिलों में तमाम तरह की सतर्कता बरती जा रही है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए दिए गए तमाम निर्देश. संयुक्त जिला चिकित्सालय में एक आइसोलेशन वार्ड की स्थापना
बलरामपुर में भी नेपाल की दर्जनों खुली सीमाएं है, जिनसे लोगों का आना-जाना लगा रहता है. इसके कारण इस पोस्ट पर स्वास्थ्य विभाग की टीमे नजर बनाए रखी हैं. वहीं, जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय में एक आइसोलेशन वार्ड की भी स्थापना की गई है, जहां एक साथ 10 मरीजों को रखा जा सकेगा.
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आइसोलेटेड वार्ड में चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए तमाम दिशा निर्देश और बजट उपलब्ध करवाए गए हैं, जिससे इस महामारी से न केवल बचाव किया जा सके बल्कि अगर कोई व्यक्ति वायरस की चपेट में आता है, तो उसे आइसोलेटेड वार्ड में रखकर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके.
एंट्री प्वाइंट्स पर स्वास्थ्य परीक्षण की निगरानी
जिला नेपाल के साथ 80 किलोमीटर का बॉर्डर शेयर करता है, जहां पर कई कच्चे-पक्के रास्ते हैं, जिसपर लोग आते जाते हैं. यहां एसएसबी के सहयोग से चार स्थानों पर कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग के लिए चेक पोस्ट स्थापित किया गया है. चेक पोस्ट पर चिकित्सक और फार्मासिस्ट सहित चार स्टाफ नेपाल से आनेवाले संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं. अब तक तकरीबन 2200 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है.
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कोरोना वायरस को लेकर लोगों में तमाम तरह की अफवाहें फैल रही है. इस दौरान संयुक्त जिला चिकित्सालय के ट्रॉमा विंग में 10 वर्ड का एक आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया गया है. वहीं रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है.
-डॉ. घनश्याम सिंह, सीएमओ