बलरामपुर:जिले में कहने को तो 3 फायर स्टेशन स्वीकृत हैं, लेकिन उनमें से काम केवल एक ही कर रहा है. उसकी भी हालत यह है कि वहां पर न तो पानी भरने की सुविधा है और न ही वाहनों के रखरखाव की. इसके साथ ही तमाम ऐसी दिक्कतें हैं, जो आजादी के बाद से अब तक हल नहीं की जा सकी है.
बलरामपुर में कुछ फायर स्टेशन की हालत खराब है. एफएसएसओ राजेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि ठंड के सीजन में महीने में 5 से 7 जगहों पर आग लगती है, जबकि गर्मी की सीजन में यह संख्या बढ़कर डेढ़ सौ से 200 के आसपास हो जाती है. वहीं बरसात के सीजन में आग तो कम ही लगती है, लेकिन जो लगती है वह भारी पैमाने पर लगती है. ठंड और बरसात के सीजन में आग लगने का मुख्य कारण प्राकृतिक तौर से गिरने वाली बिजली या इलेक्ट्रॉनिक शॉर्ट सर्किट होता है.
फायर टैंकर या फायर टेंडर्स की बात की जाए तो:
- 7 बड़ी गाड़ियां यहां पर होनी चाहिए, जबकि महज तीन ही उपलब्ध हैं.
- छोटी गाड़ियों की संख्या भी साथ में होनी चाहिए, जबकि 3 ही उपलब्ध हैं.
- इसके अतिरिक्त एम्बुलेंस व अन्य सुविधाओं की बात की जाए तो वह भी नदारद है.
- फायर स्टेशन पर टैंकर में पानी भरने तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
- अगर कहीं छोटी बड़ी आग लगती है तो पहले वह बलरामपुर चीनी मील जाकर पानी भरते हैं, फिर अपने गंतव्य के लिए निकलते हैं.
फायर डिपार्टमेंट में रिक्त पड़े पदों की बात करें तो:
- चीफ फायर ऑफिसर का एक पद है, जो रिक्त है.
- एफएसओ के 3 पद हैं, जो अभी रिक्त पड़े हुए हैं.
- एफएसएसओ के चार पद हैं, जिनमें से एक की ही तैनाती है.
- जिले में लीडिंग फायरमैन के 7 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से सातों उपलब्ध हैं.
- जिले में फायरमैन के 53 पद स्वीकृत है, उनमें से 31 उपलब्ध हैं और 22 पदों को विभाग ने अभी भी खाली छोड़ रखा है.
क्या कहते हैं आंकड़े:
- बलरामपुर फायर डिपार्टमेंट के स्टेशन के लिए तीन जगहों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से बलरामपुर मुख्यालय पर फायर स्टेशन बना है.
- इसकी भी हालत बेहद खस्ता है. इसके अतिरिक्त उतरौला थाना क्षेत्र के गैड़ासबुजुर्ग में एक फायर स्टेशन निर्माणाधीन है.
- पुलिस विभाग का दावा है कि इसके 70% काम को पूरा कर लिया गया है.
- साल 2013-14 में अखिलेश सरकार द्वारा तुलसीपुर थाना क्षेत्र को भी एक फायर स्टेशन दिया गया था, जिसके लिए विभाग अभी तक जमीन भी नहीं खोज सका है.
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कहा कि जिले में तीन फायर स्टेशन स्वीकृत हैं, जिनमें से गैंडासबुजुर्ग फायर स्टेशन का काम 70 फीसदी पूरा कर लिया गया है. जल्द से जल्द बाकी बचे काम को भी पूरा करके उसे जनता के सुपुर्द कर दिया जाएगा. तुलसीपुर स्थित फायर स्टेशन के लिए जमीन तलाशी जा रही है. वहीं, बलरामपुर स्थित फायर स्टेशन के नवीनीकरण का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है.