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बलिया: बिन मां-बाप के 6 बच्चों की लाचारी का कोई नहीं सहारा

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बारिश के चलते कच्चा मकान गिर गया. इससे छह बेसहारा बच्चे अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बता दें कि इन बच्चों के सिर से बहुत पहले ही माता-पिता का साया उठ चुका है.

बारिश के चलते कच्चा मकान ढह गया.
बारिश के चलते कच्चा मकान ढह गया.

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Published : Sep 28, 2020, 5:40 PM IST

बलिया: जिले के विकासखंड नगरा अंतर्गत ग्राम सभा पकड़बोझा (रसूलपुर) में एक ही परिवार के छह बच्चे रहते हैं. इनका पुराना कच्चा मकान ढह गया, अब वे लाचारी में सहायता की मांग कर रहे हैं. दरअसल, बब्बन राजभर व उनकी पत्नी तेतरी का कुछ वर्ष पहले देहांत हो गया था. इनके बच्चे एक टूटी-फूटी छत के नीचे गुजारा करते थे. कुछ दिनों की लगातार बारिश से उनकी छत गिर गई, अब वे बेसहारा हो चुके हैं.

बब्बन राजभर की तीन पुत्रियां और तीन पुत्र हैं. 20 वर्षीय कुमारी, 18 वर्षीय राजेश, 16 वर्षीय मुकेश, 15 वर्षीय निर्मला, 13 वर्षीय रीना और 10 वर्षीय हरीश चंद्र किसी तरह अपने टूटे-फूटे घर में गुजारा कर रहे थे. ये बच्चे लोगों के यहां मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते थे, लेकिन भगवान ने उनसे ये सहारा भी छीन लिया.

साल 2015 में बब्बन राजभर की पत्नी का निधन हो गया था. साल 2017 में किसी बीमारी के चलते बब्बन राजभर की भी मृत्यु हो गई. माता-पिता का छाया हटने के बाद से बच्चे मेहनत-मजदूरी करने लगे. किसी तरह लोगों के यहां काम करके ये एक-दूसरे का पेट पालते थे. अब इन बच्चों के पास कुछ नहीं रह गया है. सरकार से इन बच्चों के लिए मदद की गुहार लगाई जा रही है.

सरकार के बड़े-बड़े दावे यहां पर फीके नजर आ रहे हैं. गरीबों के लिए प्रधानमंत्री उजाला योजना जैसी तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इस संबंध में बच्चों के पास गैस सिलेंडर और चूल्हा भी मौजूद नहीं है. इस गांव में प्रधान की राजनीति के चलते इन बच्चों को आज तक आवास तक मुहैया नहीं कराया गया. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की सारी योजनाएं संभ्रांत लोगों के लिए चलाई जाती हैं. इससे गरीबों को आंसुओं के सिवा कुछ नहीं मिलता.

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