बलिया : भारतीय जनता पार्टी ने बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त को प्रत्याशी बनाया है. वीरेंद्र सिंह भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और तीन बार भदोही से सांसद रह चुके हैं. बलिया में 2007 में हुए उप चुनाव में उन्हें शिकस्त मिली थी, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर उन्हें बलिया से टिकट दिया है.
वीरेंद्र सिंह मस्त ने खोला अपने नाम का राज. देखना यह होगा कि क्या भारतीय जनता पार्टी मस्त के नाम के साथ इस सीट को बरकरार रख पाएगी. वीरेंद्र सिंह मस्त ने ईटीवी भारत से अपनी प्राथमिकताओं पर बेबाकी से बात की.
ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त ने बताया कि 2014 में चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार गांव, गरीब, किसान और सेना के जवानों के लिए समर्पित होगी. प्रधानमंत्री जी ने विकास करने को कहा था किया है और दिख रहा है उसी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे. क्षेत्र का विकास कैसे किया जाता है, यह मैंने भदोही में सांसद रहते हुए किया है. मैंने अपना संकल्प पूरा किया है.
जब उनसे बलिया में गठबंधन प्रत्याशी के अभी तक घोषित नहीं होने के सवाल पर पूछा गया कि क्या वीरेंद्र सिंह मस्त के आने से गठबंधन पार्टी डरी हुई है तो उन्होंने कहा कि प्रत्याशी घोषित करना गठबंधन का काम है. यह मेरा काम नहीं है.
अंत में जब उनके नाम में लगे 'मस्त' शब्द के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी मुनीश्वरानंद खपड़िया बाबा के भक्त रहे थे. मेरा जन्म उन्हीं के आशीर्वाद से हुआ है. उन्होंने मेरा नाम मस्तराम रखा. स्कूल के रजिस्टर में मेरा नाम वीरेंद्र सिंह दर्ज किया गया लेकिन उससे ज्यादा प्रचलित मस्तराम हो गया. इसी वजह से पूरे देश के लोग मुझे मस्त जी से संबोधन कर बुलाते हैं. उन्होंने कहा कि खपड़िया बाबा का आशीर्वाद है कि मेरा रजिस्टर का नाम वीरेंद्र सिंह कम प्रचलित और मस्त ज्यादा प्रचलित है.
भाजपा प्रत्याशी मस्त ने कहा कि बीजेपी ने विकास के मुद्दे पर 2014 का चुनाव जीता था और सरकार बनाई थी. इस बार भी चुनाव में विकास ही मुद्दा रहेगा, जो बलिया को संसद तक पहुंचाएगा.