बहराइच: जिले में लोकसभा चुनाव का बीता सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. यहां कभी कांग्रेस का दबदबा रहा तो कभी भाजपा को यहां के मतदाताओं ने सीने से लगाया है. इस उम्मीद के साथ कि जिले का विकास होगा. लेकिन आज तक जिले को विकास की दरकार है.
लोकसभा चुनाव: जानिए ! कैसा रहा अब तक बहराइच जिले का सियासी समर - बहराइच न्यूज
बहराइच में लोकसभा का चुनाव का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. यहां से कई नामी हस्तियां चुनाव जीतकर संसद पहुंची हैं लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिले के विकास की दशा में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला है.
जिले के लोकसभा चुनाव में कई नामी हस्तियों नें चुनाव जीत कर लोकसभा की दहलीज़ को पार किया है. लेकिन जिले के विकास की दशा अभी भी किसी से छिपी नहीं है. जहां आजादी के 70 साल बाद भी जिले के लोग छोटी लाइन के सहारे सफर करने को मजबूर हैं. रोजगार और शैक्षिक सुविधाओं के अभाव के कारण जिलावासी गैर जिलों में पलायन करने को विवश हैं. जिले के संसदीय चुनाव में आजादी के बाद से कांग्रेस का खासा दबदबा रहा है, हालांकि भाजपा ने यहां 4 बार जीत दर्ज की है.
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा से अक्षयवर लाल गौड़, सपा बसपा गठबंधन से शबीर वाल्मीकि और कांग्रेस से साध्वी सावित्री बाई फूले किस्मत आजमा रही हैं. सभी प्रत्याशी विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी जहां मोदी सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं. वहीं सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर वाल्मीकि विकास के मुद्दे पर किस्मत आजमा रहे हैं. जबकि 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा के टिकट से जीतकर संसद पहुंचने वाली साध्वी सावित्री बाई फूले इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.