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बहराइच: बदलाव की नई कहानी लिखता यादवपुर प्राथमिक विद्यालय

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय है जो कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहा है. इसके पीछे यहां के अध्यापकों की कड़ी मेहनत और लगन है.

यादवपुर प्राथमिक विद्यालय

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Published : Oct 13, 2019, 5:12 AM IST

बहराइच: जिले में प्राथमिक विद्यालय यादवपुर बेसिक शिक्षा के इतिहास में नई इबारत लिख रहा है. व्यवस्थित और अनुशासित विद्यालय कॉन्वेंट विद्यालयों को ट्क्कर दे रहा है. यहां छात्रों की उपस्थिति 80 फीसदी से अधिक है. इसके पीछे अध्यापकों की कड़ी मेहनत और लगन है. यहां के अध्यापक छात्रों को स्कूल लाने के लिए उनके गांव और घरों तक जाते हैं. माता-पिता को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हैं.

देखें रिपोर्ट.

विद्यालय में बाल संसद और मीना मंच की टीम बनी हुई है, जो अपने-अपने क्षेत्र के बच्चों को बुलाकर विद्यालय लाती है. साथ ही छात्र छात्राओं को एरिया मैनेजर बनाया गया है. जिन्हें अपने पड़ोस के बच्चों को बुलाकर विद्यालय लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

80 फीसदी से अधिक छात्र रहते हैं उपस्थित
जिले के तेजवापुर विकासखंड क्षेत्र स्थित यादवपुर प्राथमिक विद्यालय किसी कॉन्वेंट विद्यालय से कम नहीं है. यहां का हरा भरा प्रांगण और साफ सुथरा सुसज्जित भवन कक्षाओं में शिक्षा से संबंधित चित्र अक्षर ज्ञान और महापुरुषों की तस्वीरे छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध करा रही है. इस विद्यालय में 532 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. जिनमें से 80 फीसदी से अधिक छात्र उपस्थित रहते हैं. इसके पीछे अध्यापकों और विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कठिन परिश्रम और समर्पण है.

अभिभावकों से करते हैं संपर्क
विद्यालय के शिक्षक और प्रधानाध्यापक गांव-गांव और घर-घर जाकर अभिभावकों को अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्हें समझाते हैं कि शिक्षा कितनी जरूरी है. यही नहीं छात्रों के विद्यालय न आने पर अध्यापकों की टोली उनके गांव और घर जाती है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से समय-समय पर संपर्क कर उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाता है. अगर कोई छात्र छात्रा दो-तीन दिनों तक अनुपस्थित रहता है तो हम लोग टोली बनाकर उनके अभिभावकों संपर्क करते हैं.

प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ते हैं बच्चे
विद्यालय में बाल संसद और मीरा मंच की टीम बनी हुई है. वह अपने अपने क्षेत्र के बच्चों को बुलाकर विद्यालय लाती है. साथ ही छात्र छात्राओं को एरिया मैनेजर बनाया गया है. उनको अपने पड़ोस के बच्चों को बुलाकर विद्यालय लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह रोजाना प्रधानाध्यापक को रिपोर्ट करते हैं. प्रध्यानध्यापक ने बताया कि विद्यालय में स्मार्ट टीवी भी लगी है. जिससे छोटे बच्चे पढ़ते हैं. जबकि प्रोजेक्टर के माध्यम से बड़े बच्चे पढ़ाई करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके यहां स्मार्ट क्लास संचालित है. विद्यालय की व्यवस्था को बेहतर बनाने में सभी शिक्षकों और जन समुदाय का सहयोग रहा है.

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