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Published : Oct 12, 2019, 6:36 PM IST

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भारत-नेपाल की खुली सीमा ने लगाई देश की सुरक्षा में सेंध !

उत्तर प्रदेश के बहराइच में रुपेदीहा बॉर्डर देश विरोधी ताकतों और मानव तस्करी का हब बना हुआ है. हालांकि समय -समय पर दोनों देशों कि सीमा की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा शसस्त्र सीमा बल की तैनाती की गई है. इसके अलावा कस्टम वन विभाग सीमा पर कड़ी निगरानी रखते हैं. इसके बावजूद राष्ट्र विरोधी ताकतें अपने मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में लगे रहते हैं.

भारत- नेपाल की खुली सीमा ने लगाई, देश की सुरक्षा में सेंध

बहराइच: देश के आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दों में इंडो-नेपाल बॉर्डर हमेशा से ही चर्चा का विषय बना रहा है. भारत के पांच राज्यों से नेपाल की सीमा रेखा मिलती है, वो राज्य हैं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार और सिक्किम.

नेपाल की खुली सीमा देश विरोधी ताकतों के लिए वरदान
बहराइच में भारत नेपाल की खुली सीमा राष्ट्र की सुरक्षा के लिए चुनौती बनी हुई है. करीब सौ किलोमीटर की खुली सीमा राष्ट्रवादी ताकतों और आतंकवादियों के लिए वरदान साबित हो रही है. सीमा की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा शसस्त्र सीमा बल की तैनाती की गई है. इसके अलावा कस्टम वन विभाग सीमा पर कड़ी निगरानी रखते हैं. इसके बावजूद राष्ट्र विरोधी ताकतें अपने मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में लगे रहते हैं .

भारत- नेपाल की खुली सीमा ने लगाई, देश की सुरक्षा में सेंध


भारत का रुपईडीहा बॉर्डर बना देशविरोधी ताकतों का हब
पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भारत के सदियों पुराने मित्रवत रिश्ते हैं. जिसके चलते दोनों देशों में आवागमन के लिए दोनों देशों के नागरिकों को किसी पासपोर्ट और वीजा की जरूरत नहीं होती है. इसी मित्रता का लाभ उठाकर देश विरोधी ताकतें भारत में प्रवेश करने और अपनी गतिविधियों को परवान चढ़ाने की फिराक में लगी रहती हैं. हालांकि, समय-समय पर भारत नेपाल के सीमावर्ती जिलों के आला अफसर बैठक कर अपने-अपने इलाकों में होने वाली देश विरोधी ताकतों, अपराधियों, तस्करों और उनकी गतिविधियों पर चर्चा कर उन पर कठोर कार्रवाई किए जाने के फैसले लेते हैं.

नेपाल सीमा बनी तस्करी और मानव तस्करी का हब
बहराइच में भारत नेपाल की खुली सीमा मानव तस्करों का अभ्यारण्य बनी हुई है. मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए सीमा पर काम करने वाली सामाजिक संस्था देहात के मुख्य कार्यकारी डॉ जितेंद्र चतुर्वेदी का कहना है, कि नेपाल में मानव तस्करों पर कड़ी कार्रवाई न होने के चलते मानव तस्करी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. भारत नेपाल की सीमा पर मादक पदार्थों और अन्य वस्तुओं की तस्करी के साथ साथ मानव तस्करी चरम पर है. अच्छी नौकरी और लंबी तनख्वाह का झांसा देकर, मानव तस्कर नेपाल से महिलाओं और लड़कियों को खाड़ी देशों में भेजने का काम करते हैं.

तस्करी पर लगाम के लिये दोनों देशों ने तैयार की रणनीति
सीमा की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा शसस्त्र सीमा बल की तैनाती की गई है. इसके अलावा कस्टम वन विभाग, सीमा पर कड़ी निगरानी रखते हैं. इसके बावजूद राष्ट्र विरोधी ताकतें अपने मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में लगे रहते हैं. वहीं दूसरी ओर पुलिस अधीक्षक बहराइच, डॉ. गौरव ग्रोवर का कहना है, कि मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों ने बैठक कर रणनीति तैयार की है.

नेपाल की खुली सीमा पर बाड़ लगाने की कवायद शुरू
बहराइच में भारत नेपाल की खुली सीमा पर बाड़ लगाने की कवायद शुरू हो गई है. भाजपा सांसद अक्षवर लाल गौड़ ने नेपाल की खुली सीमा पर बाड़ लगाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि खुली सीमा का लाभ उठाकर भारत में प्रवेश कर अपराधी भारत की सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह नेपाल सीमा पर बाड़ लगाने के लिए प्रयासरत हैं. इसके लिए वह देश के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री से मिलकर प्रस्ताव रखेंगे और जल्द ही पाकिस्तान की सीमा की तरह नेपाल की सीमा पर भी बाड़ लगाकर देश विरोधी ताकतों के मंसूबों को ध्वस्त किया जाएगा.

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