बागपत:भड़ल गांव में 6 दिन पूर्व अवैध संचालित चर्मशोधन इकाइयों के ध्वस्तीकरण की जद में एक ऐसा मकान भी आ गया, जो इकाइयों से संबंधित नहीं था. अब पीड़ित परिवार खुले में दिन व रात बिताने को मजबूर है. वहीं, पीड़ित परिवार ने 3 दिनों में न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है.
दरअसल, भड़ल गांव में 7 मई को एनजीटी के आदेश पर चर्मशोधन इकाइयों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था. ध्वस्तीकरण के दौरान विनोद का मकान भी तोड़ दिया गया, जिसका चर्मशोधन से कोई लेना-देना नहीं है. इस दौरान मकान में रखा टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन, कूलर, बैड कपड़े एवं खाद्य सामग्री सभी घरेलू सामान दबकर नष्ट हो गया. मकान में पांच कमरे, रसोई, बाथरूम सभी ध्वस्त करा दिए गए.
पीड़िता सुमित्रा ने बताया कि वह आशा कार्यकत्री है. उसने कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को समझाने की बहुत कोशिश की, तो उसके पति विनोद और बेटे शिविर को घर से घसीटकर थाने ले गए और उनका चालान कर दिया.