बदायूं: जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 5 सीटों पर जीत मिली थी. एकमात्र सहसवान विधानसभा सीट ऐसी थी, जो समाजवादी पार्टी के पाले में गई थी. लेकिन इस बार बदायूं विधानसभा सीटों के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करेगी. फिलहाल बदायूं में चुनाव 14 फरवरी 2022 दिन सोमवार को दूसरे चरण में प्रस्तावित हैं. यहां बदायूं के विधानसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट दी गई है.
बिसौली (112 सुरक्षित सीट) - विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 4,00,526 है. इसमें पुरुष मतदाता 2,16,390 महिला मतदाता 1,84,120 व ट्रांसजेंडर 16 वोट हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के कुशाग्र सागर ने जीत दर्ज की थी और यह उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के विधायक थे. इस सीट पर शाक्य, ब्राह्मण, यादव, तथा दलित वोटरों में कोई खास अंतर नहीं है. प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार रहती है ज्यादातर उसी पार्टी का विधायक यहां से चुनकर विधानसभा पहुंचता है. वर्तमान विधायक को पुनः यहां से बीजेपी का टिकट मिला है, जिससे पब्लिक कुछ मायूस है. इसे देखते हुए 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का पलड़ा फिलहाल भारी लग रहा है.
सहसवान (113) - सहसवान विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4,12,914 है. जिसमें से 2,21,710 पुरुष मतदाता 1,91,188 महिला मतदाता और 16 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. जनपद की यह सीट यादव बाहुल्य सीट है. इसके बाद दूसरे नंबर पर यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी है. 1990 के बाद यहां यादव जाति का ही प्रतिनिधि चुना जाता रहा है. इस बार राष्ट्रीय परिवर्तन दल के अध्यक्ष डीपी यादव ने भी इस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की बात कही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी यहां से डीके भारद्वाज को अपना प्रत्याशी बनाया है. जिन्हें अभी से ही लोग कमजोर प्रत्याशी के रूप में आंक रहे हैं. वहीं बसपा ने हाजी मुसर्रत अली को यहां से टिकट दिया है. बाहुबली डीपी यादव के इस क्षेत्र में दस्तक देने से इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है.
बिल्सी (114) - विधानसभा सीट पर 3,44,953 कुल मतदाता हैं. इसमें 1,87,414 पुरुष मतदाता 1,57,523 महिला मतदाता और 16 ट्रांसजेंडर मतदाता है. 2012 के परिसीमन से पहले यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. 2012 में यह सीट अनारक्षित हो गई 2017 में यहां से बीजेपी के पंडित आरके शर्मा चुनाव जीते थे. जो इस बार भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. जातिगत आंकड़ों के हिसाब से यहां पर शाक्य, मुस्लिम और ठाकुर मतदाता काफी संख्या में हैं. वहीं दलित वोट भी अच्छी तादात में इस सीट पर हैं. अभी तक सभी पार्टियों ने यहां से 2022 के विधानसभा चुनाव में शाक्य प्रत्याशियों के ही नाम की घोषणा की है. बीजेपी ने भी यहां से पूर्व जिला अध्यक्ष हरीश शाक्य को मैदान में उतारा है. जिनका पलड़ा अन्य प्रत्याशियों की अपेक्षा इस बार भारी है.
बदायूं (115) - विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3,65,684 है. इसमें 1,96,728 पुरुष मतदाता और 1,68,936 महिला मतदाता व 20 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी के महेश चंद्र गुप्ता चुनाव जीते थे, जो वर्तमान सरकार में नगर विकास राज्य मंत्री हैं. बीजेपी ने एक बार फिर उन्हें इस विधानसभा सीट से चुनाव में उतारा है. बीएसपी ने ठाकुर राजेश कुमार सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. लेकिन समाजवादी पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. फिलहाल इस विधानसभा सीट पर सपा और बीजेपी की आमने-सामने की टक्कर एक बार फिर से देखने को मिलेगी.