बदायूं: इस बार मुस्लिम वोट हार और जीत तय कर सकता है. सपा के मुस्लिम वोट कटने की संभावना ज्यादा होती जा रही है. कांग्रेस के सलीम शेरवानी सपा के मुस्लिम वोट काट सकते हैं. कांग्रेस से सलीम शेरवानी मैदान में हैं और यहां से 5 बार सांसद भी रह चुके हैं. इलाके में उनकी पकड़ भी अच्छी है. मुस्लिम होने की वजह से मुस्लिम वोट मिलने की संभावना है.
'बदायूं में सपा को नहीं कांग्रेस को वोट देंगे मुस्लिम वोटर'
बदायूं में अगर मुस्लिम वोट सपा और कांग्रेस में बंटा तो इसका फायदा बीजेपी को हो सकता है. मौर्या के वोट फीसदी तीसरे नंबर पर आते हैं. यानि बदायूं में 2019 में मुस्लिम वोट काफी निर्णायक साबित हो सकता है.
बदायूं का 2019 लोकसभा चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो गया है. सपा से धर्मेंद्र यादव, बीजेपी से स्वामी प्रसाद मौर्याक की पुत्री और कांग्रेस से सलीम शेरवानी चुनाव लड़ रहे है. धर्मेंद्र यादव 2 बार से सांसद रह चुके हैं और तीसरी बार मैदान में हैं. सलीम शेरवानी बदायूं से 5 बार सांसद रहे हैं, जबकि डॉ. संघमित्रा मौर्या पहले बार यहां से चुनाव लड़ रही हैं. इस चुनाव में सबसे ज्यादा यादव वोटर हैं, फिर मुस्लिम वोटर और उसके बाद मौर्या वोट हैं.
यूपी कांग्रेस महासचिव ओमकार का दावा है कि सपा की अंदरूनी कलह आपस में ही है. उनके मुस्लिम नेता आपस में सपा का साथ नहीं दे रहे हैं. इसलिए मुस्लिम वोट सलीम शेरवानी को ही मिलेगा. इस बार चुनाव में मुस्लिम वोट बहुत निर्णायक साबित हो सकते हैं. मुस्लिम वोट हमेशा सपा के साथ रहे हैं, लेकिन इस बार बदायूं में मुस्लिम वोट सपा को कमज़ोर कर सकता है.