बदायूं: बदायूं जनपद (Badaun)की बिल्सी (114)विधानसभा सीट (Bilsi Assembly) अचानक से उस समय सुर्खियों में आई, जब 1996 में बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने यहां से चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया. दरअसल, मायावती दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ी थी. यही कारण था कि उन्होंने चुनाव जीतने के बाद बिल्सी को छोड़ हरोंदा का प्रतिनिधित्व किया.
हालांकि, बसपा सुप्रीमो ने बिल्सी से करीब 2500 वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन यहां से चुनाव जीतने के बाद उन्होंने बिल्सी को छोड़ सहारनपुर की हरोंदा सीट का प्रतिनिधित्व चुना.
इधर, उनके यहां से इस्तीफा देने के बाद दोबारा चुनाव हुए, जिसमें बसपा के भोला शंकर मौर्य ने जीत दर्ज की, जिन्हें तत्कालीन बसपा सरकार में साइंस एंड टेक्नालॉजी मिनिस्टर बनाया गया था.
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वहीं, 2012 के परिसीमन से पहले बिल्सी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. लेकिन बाद में अनारक्षित हो गई और इस सीट पर 2017 की मोदी लहर में भाजपा के आरके शर्मा ने जीत दर्ज की.
क्षेत्र की जातीय समीकरण
इस सीट पर सबसे अधिक 15 फीसद मुस्लिम हैं तो अपर कास्ट 18 फीसद, यादव 6 फीसद, ठाकुर 11 फीसद और मौर्या 11 फीसद हैं. अगर जातिगत नजरिए से इस विधानसभा क्षेत्र को देखें तो इस सीट पर शाक्य, मुस्लिम, ठाकुर, और दलित वोटरों की संख्या में कोई ज्यादा फर्क नहीं है. बिल्सी विधानसभा में कुल मतों की संख्या करीब 3,43,612 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग 1,87,376 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,56,223 है.