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आजमगढ़ फिल्मोत्स्व: पीयूष मिश्रा ने कहा, 'वेब सीरीज में लागू होनी चाहिए सेंसरशिप'

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का आयोजन शनिवार को किया गया. शारदा टॉकीज में सामाजिक मुद्दे से जुड़ी 7 फिल्में दिखाई गई. इस फिल्मोत्सव का आयोजन पिछले दो साल से किया जा रहा है.

आयोजन में पीयूष मिश्रा ने की वेब सीरीज की सराहना.

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Published : Oct 21, 2019, 9:01 PM IST

आजमगढ़: जनपद में अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का आगाज शनिवार को शहर के शारदा टॉकीज में हुआ. यह उत्सव तीन दिन चला, जिसमें सामाजिक अस्मिता और दलित अस्मिता से जुड़ी हुई 7 फिल्में दिखाई गईं. इस दौरान बड़ी संख्या में फिल्मी कलाकारों ने इस फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लिया.

दो साल से हो रहा इस उत्सव का आयोजन
वहीं इस उत्सव के संयोजक रंगकर्मी अभिषेक पंडित और ममता पंडित ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया. जनपद में चल रहे फिल्म फेस्टिवल कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी और फिल्मकार पीयूष मिश्रा ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चॉकलेटी हीरो का जमाना चला गया और अब स्टारडम टूट रहा है, जिससे नए कलाकारों को मौका मिल रहा है.

आयोजन में पीयूष मिश्रा ने की वेब सीरीज की सराहना.

चॉकलेटी हीरो का स्टारडम टूट रहा
पीयूष मिश्रा ने कहा कि एक दौर था, जब चॉकलेटी हीरो का जमाना था. वहीं अब जिस तरह से वेब सीरीज ने तहलका मचाया है, उससे चॉकलेटी हीरो का स्टारडम टूट रहा है और नए-नए कलाकारों को काम करने का मौका मिल रहा है.

सिनेमा में पैसा अधिक वहीं थिएटर में है बहुत संघर्ष
फिल्मकार ने कहा कि निश्चित रूप से थिएटर में बहुत संघर्ष है और मैंने भी 20 वर्ष तक थिएटर में संघर्ष किया, जिसके बाद ही मैं सिनेमा में आया. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सिनेमा में पैसा अधिक है, जबकि थिएटर में संघर्ष ज्यादा.

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पीयूष मिश्रा ने की वेब सीरीज की सराहना
वेब सीरीज फिल्मों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कंटेंट में जो हम फिल्मों में नहीं दिखा सकते उसे हम लोग वेब सीरीज में दिखा सकते हैं. फिल्मकार पीयूष मिश्रा का कहना है कि जिन्हें फिल्मों में काम नहीं मिल पा रहा था उनके लिए वेब सीरीज में आ गए हैं.

फिल्मों पर सेंसरशिप होनी चाहिए लागू
फिल्मों के लिए 2004 के बाद का सबसे अच्छा समय मानते हुए पीयूष मिश्रा का कहना है कि वर्ष 2004 के बाद का समय काफी अच्छा है. वहीं फिल्मकार पियूष मिश्रा का कहना है कि निश्चित रूप से फिल्मों पर सेंसरशिप लागू होनी चाहिए.

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