आजमगढ़ः जनपद में वैसे तो होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया ही जाता है. पर जनपद के चौक की कपड़ा-फाड़ होली दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. यही कारण है कि होली के दिन कोई भी व्यक्ति चौक से होकर गुजरने से डरता है.
लगभग सैकड़ों वर्ष पुरानी जनपद के चौक की कपड़ा-फाड़ होली की परंपरा काफी पुरानी है. आज भी जो व्यक्ति चौक से गुजरता है, वह चाहे हिंदू हो या मुसलमान उसके साथ कपड़े फाड़कर ही होली खेली जाती हैं.
आजमगढ़ में कपड़ा-फाड़ होली. इसे भी पढ़ें-आजमगढ़: 1935 से निकलती आ रही है बुढ़वा की बारात, हर वर्ष दूल्हा रह जाता है कुंवारा
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रमेश सिंह का कहना है कि यह पुराने चौक की बहुत मशहूर होली है और हम लोगों के पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है. चौक से होली के दिन कोई भी व्यक्ति गुजरने से डरता है. यहां पर बड़ी संख्या में युवा डीजे की धुन पर थिरकते हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति डर से गुजरता है. उसके ऊपर रंगों की बौछार कर कपड़े-फाड़ देते हैं.