अयोध्या : गर्मी का मौसम आते ही जिस प्रकार हम अपने रहन-सहन और खान-पान में बदलाव करते हैं, उसी प्रकार आज श्री रामलला के दर्शन के समय और उनके भोग में भी परिवर्तन किया गया है. रामलला के भोग में मुख्य रूप से फलों का रस और सुपाच्य हल्का भोजन शामिल किया गया है. गर्मी का ध्यान रखते हुए रामलला के भोग की व्यवस्था की गई है.
ईटीवी से विशेष बातचीत के दौरान रामलला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र जी ने बताया कि अब भक्तों को श्री राम के दर्शन के लिए 2 घंटे ज्यादा समय मिल सकेगा. अपर जिला मजिस्ट्रेट कानून व्यवस्था में यह आदेश जारी किया है. सुबह 7 बजे से 11 बजे तक प्रथम पाली में और शाम को 2 बजे से 6 बजे तक दूसरी पाली में श्रद्धालु दर्शन करेंगे. समय को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से यह परिवर्तन किया जाता है. समय में किया गया यह परिवर्तन 1 अप्रैल से लागू किया जाता है.
गर्मी को लेकर किए गए कई बदलाव वह आगे कहते हैं कि भक्तों से ही भगवान खुश होते हैं, भक्तों के बिना भगवान अधूरे हैं. भक्तों की आस्था को देखते हुए श्री रामलला के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. वैसे इसके पीछे मुख्य कारण यह भी है कि गर्मी के सीजन में सूरज जल्दी निकलता है और देर से डूबता है. इस कारण भी समय ज्यादा मिल जाता है. रामलला के भोग में परिवर्तन के पीछे भी वैचारिक और पौराणिक मान्यता है कि जैसे हम इंसान अपने भोजन में मौसम के हिसाब से बदलाव करते हैं, वैसे ही ईश्वर को लगाए जाने वाले भोग में भी परिवर्तन किया जाता है.
गर्मी के समय में रामलला के खान-पान का खास ध्यान रखा जाता है. उनको मधुर भोजन देने का प्रयास किया जाता है, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. भगवान रामलला एक बालक के रूप में हैं. इसलिए जिस प्रकार हम अपने बालक की देखरेख करते हैं उसके खान-पान का ध्यान रखते हैं. उसी प्रकार हम श्री राम का भी ध्यान रखते हैं. गर्मियों में रोज शाम को खीर बनती है और दिन में भोजन के साथ दही जरूर रखी जाती है. साथ ही भगवान को फल-फूल और जूस भी दिया जाता है, जिससे उनको किसी तरह की परेशानी न हो.