अयोध्या: श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन को लेकर संतों में नाराजगी है. राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और श्री मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने अयोध्या के प्रमुख संतों की बैठक बुलाई है. विरोध को शांत कराने पहुंचे नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और महापौर ऋषिकेश उपाध्याय को मणिराम दास छावनी में प्रवेश करने से संतों ने रोक दिया.
श्री राम तीर्थ क्षेत्र गठन को लेकर संतों में नाराजगी. संभावित विरोध को देखते हुए प्रशासन ने प्रमुख अखाड़ों की सुरक्षा बढ़ा दी है. अयोध्या में प्रशासन संतों की गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है. विशेष रूप से अयोध्या में निर्मोही अखाड़ा, दिगंबर अखाड़ा समेत श्री मणिराम दास छावनी पर प्रशासन की कड़ी नजर है.
केंद्र सरकार ने किया है श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन
राम नगरी में रामलला के मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया है. ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास को सदस्य बनाया गया है, लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं है. वहीं अयोध्या के प्रमुख संत नृत्य गोपाल दास का ट्रस्ट में नाम नहीं है. जबकि ट्रस्ट में अहम जिम्मेदारी मिलने के कयास लगाए जा रहे थे. श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अयोध्या के राज्य परिवार के मुखिया राजा बलवंत विमलेंद्र मोहन मिश्र को बनाया गया है.
अयोध्या के संतों में ट्रस्ट को लेकर है नाराजगी
अयोध्या के संतों को ट्रस्ट में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न मिलने से नाराजगी है, जिसके चलते उन्होंने इस ट्रस्ट के गठन का विरोध करने का मन बनाया है. अयोध्या की प्राचीन पीठासीन मणिराम दास छावनी के महंत और राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा है कि जिन लोगों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. उन्हें ट्रस्ट में कोई स्थान नहीं दिया गया है.
सरकार ने ऐसा ट्रस्ट बनाकर की है संतों की उपेक्षा
सरकार ने ऐसा ट्रस्ट बनाकर श्री राम के लिए जीवन समर्पित करने वाले संतों की उपेक्षा की है. उन्होंने बैठक कर ट्रस्ट गठन का विरोध करने की बात कही है. वहीं मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत और राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य कमल नयन दास ने कहा है कि अयोध्या के संतों को ट्रस्ट में जिम्मेदारी न देकर केंद्र सरकार ने उनका अपमान किया है.
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