अयोध्याः अयोध्या में आने वाला हर कोई राम के धुन में रमा हुआ है. हर किसे के मन में एक ही उत्साह देखने को मिल रहा है कि भगवान राम का मंदिर बन रहा है और जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी है. इसी बीच कनक भवन के पास मौजूद एक टेलर की दुकान में भी इसका अलग उत्साह देखने को मिलता है. यहां काम करने वाले लोग लगभग तीन पीढ़ियों से भगवान राम और माता सीता के लिए पोशाक तैयार कर रहे हैं. अलग-अलग दिनों के लिए अलग-अलग रंग के पोशाक तैयार होती हैं. साल के 365 दिन भगवान राम और माता सीता अलग-अलग पोशाक में सुशोभित होते हैं.
अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के पास भक्तों की कतार लगी है. लोग हाथों में लड्डू का भोग लिए मंदिर की सीढ़ियों से जा रहे हैं और आ रहे हैं. पुलिसकर्मियों की संख्या सामान्य दिनों से काफी अधिक दिखाई दे रही है. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अयोध्या की सुरक्षा में सख्ती और भी अधिक बरती जा रही है. इसी बीच हम पहुंचते हैं कनक भवन मंदिर की बाउंड्री वाल से सटी कनक भवन टेलर की दुकान पर. यहां एक बुजुर्ग पूजा करने के पात्रों की दुकान सजा रहे हैं. दो लड़के कपड़ों की सिलाई के काम में व्यस्त हैं. हमने एक बार कंफर्क किया कि कनक भवन के कपड़े यहीं पर सिले जाते हैं? उन लोगों ने उत्साह से हामी भर दी.
हर दिन के लिए अलग-अलग रंग के वस्त्र
कुछ भक्तों के जय श्रीराम के नारों और चाय की चुस्कियों के बीच हमने कनक भवन में जाने वाले पोशाक का जिक्र छेड़ दिया. इस पर दुकान में काम कर रहे प्रियांशु बताते हैं कि भगवान राम और सीता जी की कनक भवन में तीन मूर्तियां हैं. हमारे यहां सीताजी की साड़ी सिली जाती है और भगवान राम की धोती सिली जाती है. तारीख के हिसाब से रोजाना वस्त्र चढ़ाए जाते हैं. रविवार के दिन सफेद वस्त्र, सोमवार के दिन गुलाबी, मंगलवार के दिन लाल, बुधवार के दिन हरा, गुरुवार के दिन पीला, शुक्रवार के दिन गुलाबी, शनिवार के दिन नीला वस्त्र रहता है. एक दिन में एक वस्त्र पूरी तरह से बन जाता है. हमें इस काम को करने में बहुत ही अच्छा लगता है.