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राम मंदिर ट्रस्ट उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा तो झेलना पड़ेगा विरोध: परमहंस दास

मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संतों, धर्माचार्यों और राम भक्तों को इसके निर्माण का इंतजार है. इसके निर्माण को लेकर अयोध्या की प्राचीन पीठ तपस्वी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने कहा है कि अगर ट्रस्ट राम भक्तों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो लंबा विरोध झेलना पड़ेगा.

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Published : Jul 17, 2020, 8:24 PM IST

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परमहंस दास, पूर्व पीठाधीश्वर, तपस्वी जी की छावनी

अयोध्या:श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक को लेकर संतों, धर्माचार्यों और राम भक्तों को बड़ी उम्मीदें हैं. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद मंदिर निर्माण को लेकर अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा. वहीं अयोध्या की प्राचीन पीठ तपस्वी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने कहा है कि अगर ट्रस्ट राम भक्तों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो लंबा विरोध झेलना पड़ेगा. उन्होंने कहा है कि मंदिर निर्माण में कच्छप गति से कार्य होना उचित नहीं है.

परमहंस दास, पूर्व पीठाधीश्वर, तपस्वी जी की छावनी
श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुआ है. निर्माण कार्यों में ढील मिलने के बाद ट्रस्ट ने मंदिर की आधारशिला रखने से पहले की तैयारी लगभग पूरी कर ली है. मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर ट्रस्ट की दूसरी बैठक कल यानी 18 जुलाई को होनी है. इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राम मंदिर निर्माण की तैयारियों को लेकर समीक्षा की है. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय स्पष्ट कर चुके हैं कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आगमन और राम मंदिर की आधारशिला को लेकर अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा. मगर राम मंदिर की दिशा में हो रहे कार्य की गति को लेकर अयोध्या के संत संतुष्ट नहीं हैं.
तपस्वी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने कहा है कि ट्रस्ट के सदस्यों पर करोड़ों श्रद्धालुओं और राम भक्तों का विश्वास है. अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की उम्मीद है. 70 एकड़ परिसर में एक भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए, ऐसी संतों और राम भक्तों की अपेक्षा है. परमहंस दास ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी में केवल दो सांसद थे तो उनका कहना था कि 'राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे'. लंबे समय से अयोध्या में राम मंदिर भाजपा के एजेंडे में रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्रस्ट को यह निर्देश देना चाहिए कि जल्द राम नगरी में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण किया जाए. उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास के मंदिर मॉडल पर अविश्वास जताया. परमहंस दास ने कहा कि पहले राम जन्मभूमि परिसर में महज कुछ एकड़ में मंदिर का निर्माण होना था लेकिन अब पूरे 70 एकड़ का परिसर राम मंदिर के लिए सुरक्षित है. ऐसे में इस मॉडल पर मंदिर न बनाकर एक बड़े मॉडल के आधार पर मंदिर बनाना चाहिए. परमहंस दास ने कहा है कि अगर किसी कारणवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखने नहीं आ पा रहे हैं तो भी ट्रस्ट को समय से निर्माण कार्य शुरू कर देना चाहिए.
उन्होंने कहा है कि ट्रस्ट पर कोरोना राम भक्तों और श्रद्धालुओं की आस्था है. जिस बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन ट्रस्ट कर रहा है, अगर उस पर खरा नहीं उतर पाता तो उसे लंबा विरोध झेलना पड़ेगा. परमहंस दास ने मंदिर निर्माण की दिशा में किए जाने वाले कार्य की गति को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि कच्छप गति से मंदिर निर्माण का कार्य किया जाना उचित नहीं है. समय अनुकूल है ऐसे में तेजी से मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होना चाहिए.

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