अयोध्या: दीपोत्सव के कुशलता से निपटने के बाद अब कार्तिक मेले की बारी है. दीपोत्सव की तरह ही कार्तिक मेले के ऊपर कोविड-19 का खतरा मंडरा रहा है. इसको देखते हुए खुद साधु-संतों ने कार्तिक मेले के आयोजन में 14 कोसी, पंचकोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान में देश के लाखों श्रद्धालुओं से अयोध्या नहीं आने की अपील की है. अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश भर से पंचकोसी परिक्रमा, 14 कोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेले में शामिल होने के लिए परंपरागत आते रहे हैं.
22 नवंबर से अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय
इस बार कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने 14 कोसी परिक्रमा से पूर्व 22 नवंबर से अयोध्या की सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया है. जिससे अयोध्या में बाहरी श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर सके और कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके. 22 नवंबर की रात से अगले पूरे दिन -रात्रि में 14 कोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है. उसके अलावा 25 नवंबर की भोर में पंचकोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त है और 29 नवम्बर की रात्रि में कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त है.
इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आकर पुण्य अर्जित करते थे. लेकिन इस बार कोविड-19 के खतरे को देखते हुए संतों ने देश भर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह अयोध्या नहीं आए. घर में ही रह कर पूजा अर्चना करें. अयोध्या में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए अयोध्या की सीमाओं को जिला प्रशासन ने सील करने का निर्णय लिया है.