अयोध्या: रामनगरी के संतों ने राम मंदिर को भव्य और विशाल बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा है प्रस्तावित मॉडल के आधार पर बनने वाला राम मंदिर छोटा है. इसका आकार बढ़ाने की आवश्यकता है. वहीं संतों ने ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि ट्रस्ट अपनी बैठकों में पंचायती व्यवस्था का पालन नहीं कर रहा.
राम मंदिर निर्माण को लेकर श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र की कार्यप्रणाली से अयोध्या के संतों में नाराजगी है. उन्होंने कहा है कि ट्रस्ट की बैठकों में महज औपचारिकता निभाई जा रही हैं. संतों से मंदिर निर्माण को लेकर राय नहीं ली जा रही. अयोध्या के संतों ने शनिवार को एक अहम बैठक की. यह बैठक दिगंबर अखाड़ा में की गई, जिसमें दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास, रसिक पीठाधीश्वर जानकी घाट मंदिर के महंत जनमेजय शरण, उदासीन आश्रम के महंत डॉ. भरत दास, दंत धावन कुंड के महंत नारायनाचारी शामिल हुए.
मीडिया से बात करते महंत धर्मदास. संतों ने मंदिर के स्वरूप पर की चर्चाअयोध्या में संतों की बैठक महंत सुरेश दास के आह्वान पर की गई. दिगंबर अखाड़ा में हुई इस बैठक में अयोध्या में बनने वाले रामलला के मंदिर के स्वरूप को लेकर चर्चा की गयी. संतों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि राम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मॉडल के आधार पर बनने वाले राम मंदिर के आकार को और विशाल करने की आवश्यकता है.ट्रस्ट की कार्य प्रणाली से नाराज हैं संतदिगंबर अखाड़ा में हुई संतों की बैठक में ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए गए. निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि ट्रस्ट में पंचायती व्यवस्था का पालन नहीं किया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की 19 मार्च को हुई बैठक में सब कुछ पूर्व नियोजित तरीके से किया गया. बिना चर्चा किए सब कुछ तय कर लिया गया था. धर्मदास ने बताया कि ट्रस्ट की 19 मार्च की बैठक में वह भी शामिल होने पहुंचे थे.संतों ने ट्रस्ट पर खड़े किए सवालराम जन्मभूमि परिसर की समतलीकरण के दौरान मिले अवशेषों को प्रसारित करने पर संतों ने प्रतिक्रिया दी है. महंत धर्मदास ने कहा है कि अवशेषों को अनावश्यक रूप से प्रसारित किया गया. इससे पहले भी राम जन्मभूमि स्थल पर खुदाई के दौरान अवशेष मिल चुके थे.राय नहीं लेने पर संतों में नाराजगीराम मंदिर निर्माण आंदोलन में कई संतों का सहयोग रहा है. ऐसे में जब राम मंदिर निर्माण की बारी आई तो संतों का कहना है कि उनकी राय नहीं ली जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया है कि यहां तक कि ट्रस्ट की बैठक में महज औपचारिकता निभाई जा रही है. निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि ट्रस्ट अब संतों से मंदिर निर्माण के विषय में राय न लेकर उनकी उपेक्षा कर रहा है.