अयोध्या: सरकारी नौकरियों में युवाओं को संविदा पर नियुक्ति देने को लेकर पूर्व वन राज्यमंत्री तेज नारायण पांडेय ने प्रदेश और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने इसे काला कानून बताते हुए कहा है कि प्रदेश और केंद्र सरकार को युवाओं पर इस कानून को थोपने से पहले अपने मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर लागू करना चाहिए. उन्हें संविदा पर चयनित करने के बाद जनता को हर 6 महीने पर उनके कार्यों की समीक्षा करने का अवसर देना चाहिए. राज्यमंत्री ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया है.
भाजपा की सरकार हर मोर्चे पर विफल
सरकारी नौकरियों में नए नियम के तहत अब 5 साल के लिए संविदा पर युवाओं को नियुक्ति दी जाएगी. साथ ही हर 6 महीने पर उनकी सर्विस का रिव्यू किया जाएगा. इसी को लेकर सपा सरकार में वन राज्यमंत्री रहे तेज नारायण पांडेय ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि मौजूदा समय में भाजपा की सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. प्रदेश में आपराधिक वारदातों में वृद्धि दर्ज की जा रही है. पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था संभाल पाने में सक्षम नहीं हो पा रही है. हाल ही में महोबा में हुई घटना में एसएसपी और डीएम पर घूस मांगने का आरोप लगाया गया है. ऐसी प्रदेश सरकार को डीएम और एसएसपी पर हत्या का मुकदमा दर्ज करना चाहिए.
पूर्व वन राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे ने कहा कि युवाओं को नौकरियों में संविदा पर रखने से पहले सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. मौजूदा सरकार कानून व्यवस्था के मोर्चे पर जिस प्रकार विफल हो रही है, इससे सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों की योग्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है. पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि 5 साल तक युवाओं को संविदा पर सरकारी नौकरियों में रखने से पहले सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्री पद पर रहने वाले नेताओं की नियुक्ति संविदा पर होनी चाहिए. उनका हर 6 महीने पर रिव्यू करने की व्यवस्था का अधिकार जनता को होना चाहिए.
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